आजकल सोया दूध काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसे कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जिसमें अर्थराइटिस और मोटापे से राहत भी शामिल है। सोया दूध कैल्शियम से भरपूर होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और अर्थराइटिस के दर्द को कम कर सकता है।
क्यों है सोया दूध इतना खास?
- कैल्शियम का खजाना: सोया दूध कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है। अर्थराइटिस में हड्डियों और जोड़ों में दर्द होता है, और कैल्शियम इस दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- प्रोटीन का अच्छा स्रोत: सोया दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक है।
- कम फैट: सोया दूध में कम फैट होता है, जो इसे वजन घटाने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है।
- कोलेस्ट्रॉल फ्री: सोया दूध में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
सोया दूध कैसे बनाएं?
घर पर सोया दूध बनाना बहुत आसान है।
आपको चाहिए:
- सूखी सोयाबीन
- पानी
- मिक्सर
- मलमल का कपड़ा
विधि:
- सूखी सोयाबीन को 6-8 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।
- भिगोई हुई सोयाबीन को मिक्सर में पीस लें।
- मिक्स किए हुए मिश्रण को मलमल के कपड़े से छान लें।
- तैयार है आपका घर का बना सोया दूध।
सोया दूध के अन्य फायदे
- हार्मोन को संतुलित करता है: सोया आइसोफ्लेवोन्स हार्मोन को संतुलित करने में मदद करते हैं।
- कैंसर से बचाता है: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सोया दूध कुछ प्रकार के कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है।
- त्वचा के लिए अच्छा: सोया दूध त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
कौन नहीं पी सकता सोया दूध?
- जिन लोगों को सोया से एलर्जी है, उन्हें सोया दूध नहीं पीना चाहिए।
- थायरॉइड की समस्या वाले लोगों को सोया दूध पीने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
सोया दूध कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है। यह अर्थराइटिस, मोटापा और अन्य कई बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है। हालांकि, किसी भी नए आहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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