सोनिया गांधी और सोरोस: क्या है बीजेपी के आरोपों की सच्चाई?

भारतीय राजनीति में एक नया विवाद उभर आया है, जहां बीजेपी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बीच कथित संबंधों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लीडर्स ऑफ़ एशिया पैसिफ़िक’ से सोनिया गांधी के संबंध होने का दावा किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस फोरम की फंडिंग जॉर्ज सोरोस के फ़ाउंडेशन से हो रही है, और इसमें भारत-विरोधी और पाकिस्तान-समर्थक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जॉर्ज सोरोस के कार्यों को लेकर कई विवाद भी जुड़े हैं। बीजेपी द्वारा लगाए गए ताजा आरोप उनके नाम को भारतीय राजनीति के केंद्र में ले आए हैं। बीजेपी का दावा है कि फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लीडर्स ऑफ़ एशिया पैसिफ़िक, जो सोरोस के फंड से संचालित है, भारत-विरोधी एजेंडा चला रहा है।

कौन हैं जॉर्ज सोरोस?

जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति और निवेशक हैं, जो “बैंक ऑफ इंग्लैंड को हिला देने वाले व्यक्ति” के नाम से प्रसिद्ध हैं।

जन्म और पृष्ठभूमि:

उनका जन्म हंगरी में एक यहूदी परिवार में हुआ। हिटलर के नाज़ी शासन के दौरान, जब यहूदियों को भारी उत्पीड़न झेलना पड़ा, सोरोस किसी तरह बच गए।

जीवन की शुरुआत:

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, हंगरी एक कम्युनिस्ट देश बन गया, जिसके बाद सोरोस पश्चिमी देशों की ओर चले गए।

कैसे बने अरबपति?

सोरोस ने शेयर बाजार में निवेश से करीब 44 अरब डॉलर कमाए।

1992 में, उन्होंने शॉर्ट सेलिंग के जरिए ब्रिटेन के बैंक ऑफ इंग्लैंड को भारी नुकसान पहुंचाया।