“हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी का कहर, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट”

भारत के तीन पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी का दौर जारी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले सात दिनों तक यानी 5 जनवरी तक इन राज्यों में बर्फबारी और शीतलहर के प्रभाव से मौसम और भी सर्द हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण इन राज्यों में बर्फबारी हो रही है, जिससे इन क्षेत्रों का तापमान नीचे गिरा है। हालांकि बर्फबारी के कारण दृश्य बेहद खूबसूरत हो गए हैं, लेकिन इससे आम जिंदगी प्रभावित हो रही है, और यात्रा करना मुश्किल हो गया है।

पश्चिमी विक्षोभ और बर्फबारी का प्रभाव
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि एक पश्चिमी विक्षोभ एक जनवरी को सक्रिय हुआ था और दूसरा विक्षोभ 6 जनवरी को असर दिखाएगा। इसके कारण हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा। इन राज्यों में बर्फ की चादर ओढ़े सुंदर दृश्य हैं, लेकिन यह बर्फबारी भारी विपत्ति भी ला सकती है।

बर्फबारी से सड़क और यातायात प्रभावित
मौसम के कारण जम्मू-कश्मीर में सड़क यातायात पर असर पड़ा है। श्रीनगर-लेह रोड पर भारी बर्फबारी के कारण करीब 1800 वाहन फंसे हुए थे, जिनके लिए बर्फ हटाई जा रही है। जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को रविवार को खोला गया, जिससे करीब 1200 वाहन वहां से निकाले गए। हालांकि, श्रीनगर एयरपोर्ट पर फ्लाइट सेवाएं फिर से शुरू हो चुकी हैं और रेल सेवाएं भी सामान्य रूप से चल रही हैं। लेकिन मौसम के कारण कश्मीर यूनिवर्सिटी ने अपने सभी एग्जाम रद्द कर दिए हैं।

उत्तराखंड में एवलांच का अलर्ट
उत्तराखंड में चमोली जिले के 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच (हिमस्खलन) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह चेतावनी अगले 24 घंटों के लिए है और इसकी गंभीरता को देखते हुए चमोली पुलिस को आपदा उपकरणों के साथ पूरी तरह से तैयार किया गया है। इस क्षेत्र में बर्फबारी और हिमस्खलन की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में शीतलहर और बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश में नए साल के दौरान शुष्क मौसम रहने का अनुमान है, लेकिन 2 और 3 जनवरी को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसके साथ ही शीतलहर का असर भी देखने को मिलेगा। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भारी ठंड और सीवियर कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में बर्फबारी के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ तक बर्फबारी के कारण बंद है। इसके अलावा, कई अन्य सड़कें भी बंद हो गई हैं, जिससे इन क्षेत्रों में यात्रा करने में कठिनाई हो रही है।

जम्मू-कश्मीर में तापमान गिरा
जम्मू-कश्मीर में लद्दाख क्षेत्र का तापमान शून्य से नीचे जा चुका है। गांदरबल, सोनमर्ग, पहलगाम, गुंड, बारामूला जैसे शहरों में तापमान माइनस 10 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया है। कश्मीर में गुलमर्ग और पहलगाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल भी शीतलहर और बर्फबारी से प्रभावित हैं। स्थानीय लोग पर्यटकों के लिए अपने घरों और मस्जिदों के दरवाजे खोलने को तैयार हैं और उन्हें कंबल, रजाई, गर्म खाना और पीने का सामान भी मुहैया करवा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से रास्ते बंद
हिमाचल प्रदेश के नारकंडा, केलोंग और अन्य ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो गए हैं। कल्पा और कुफरी में सबसे ज्यादा बर्फबारी देखने को मिली है। इन क्षेत्रों में 2.5 फीट से भी ज्यादा बर्फ पड़ी है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। पूरे राज्य में 340 सड़कें बंद हैं, जिससे स्थानीय जीवन प्रभावित हो रहा है।

कल्पा में 14.9 सेंटीमीटर, कुफरी में 14.5 सेंटीमीटर, पूह में 12 सेंटीमीटर, मुरंग में 12 सेंटीमीटर, खदराला में 10 सेंटीमीटर और अन्य कई स्थानों पर 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बर्फबारी हुई है। इस बर्फबारी के कारण यात्रा के दौरान कई असुविधाएं पैदा हो सकती हैं।

मौसम के प्रति सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने इन तीनों राज्यों के नागरिकों को बर्फबारी और शीतलहर के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय बर्फीले रास्तों से बचने और जरूरी सुरक्षा उपकरण साथ रखने की सलाह दी गई है। साथ ही, बर्फबारी के कारण आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।

निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी और शीतलहर के कारण तापमान में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे इन क्षेत्रों में ठंड बढ़ सकती है। इन राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फबारी हो रही है और आने वाले दिनों में मौसम और भी सर्द हो सकता है। यह स्थिति इन राज्यों के निवासियों और पर्यटकों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

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