मानसिक तनाव यानी स्ट्रेस आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। तनाव का स्तर इतना बढ़ गया है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर झल्ला उठते हैं और कई बार अपना आपा खो बैठते हैं, जिससे बाद में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके कारण मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। तनाव से निपटने के लिए देशभर में कई शोध हो रहे हैं, और हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने तनाव का पता लगाने के लिए एक स्मार्ट डिवाइस का आविष्कार किया है। इस डिवाइस के माध्यम से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य और तनाव का स्तर आसानी से मापा जा सकता है।
तनाव मापने के लिए स्मार्ट डिवाइस का आविष्कार
बेंगलुरु के जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (JNCASR) के वैज्ञानिकों ने एक पहनने योग्य स्मार्ट स्वास्थ्य डिवाइस तैयार किया है, जो तनाव और शरीर में होने वाले दर्द का पता लगाने में मदद करेगा। इस डिवाइस में सिल्वर वायर का इस्तेमाल किया गया है, जो शरीर में तनाव को समझेगा और इससे जुड़ी समस्याओं का पता लगाएगा।
सेंसर के बिना काम करने वाली तकनीक
यह डिवाइस बिना किसी बाहरी सेंसर के काम करता है और यह उन्नत हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह तकनीक शरीर में तनाव के स्तर का पता लगा सकती है और व्यक्ति की मानसिक स्थिति को पहचानने में मदद करेगी। यह डॉक्टरों को भी मरीज की हिस्ट्री समझने में सहायता कर सकती है।
तनाव के लिए प्रभावी तकनीक
तनाव से शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे हाई बीपी, दिल की बीमारी, मोटापा और हार्मोनल असंतुलन। यह नई तकनीक इन समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है। तनाव के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना और उनकी प्रभावी ढंग से रोकथाम करना अब संभव हो सकेगा।
विशेषज्ञ की राय
गाजियाबाद जिला अस्पताल के साइकेट्रिक्स डॉ. एके कुमार का कहना है कि मानसिक तनाव का असर शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। तनाव से डायबिटीज, हार्ट डिजीज और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अक्सर लोग नहीं जानते कि वे मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। ऐसे में यदि कोई डिवाइस इसका पता लगाता है, तो यह बहुत फायदेमंद होगा। समय पर पता चलने से इलाज में आसानी हो सकती है।
डिवाइस का काम करने का तरीका
यह स्मार्ट डिवाइस चांदी की परतों से तैयार किया गया है। जब इसे खींचा जाता है, तो चांदी की परत में छोटे-छोटे गैप बन जाते हैं, जिससे इसका करंट संपर्क टूट जाता है। इसे फिर से जोड़ने के लिए हल्का इलेक्ट्रिक पल्स दिया जाता है, जिससे गैप भर जाते हैं। खास बात यह है कि डिवाइस के बैकअप खत्म नहीं होते और सभी डेटा सुरक्षित रहते हैं।
रोबोटिक्स में भी उपयोग
यह डिवाइस इतना लचीला और स्मार्ट है कि यह टूटने के बाद भी खुद ठीक हो सकता है। यह नर्वस सिस्टम की तरह काम करता है, जो शरीर में बार-बार होने वाले दर्द को समझ कर हमें बताता है। यही तकनीक रोबोट्स में भी इस्तेमाल की जा सकती है, जिससे वे इंसानों के साथ आसानी से काम कर सकेंगे।
इस स्मार्ट डिवाइस के आने से अब तनाव का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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