गर्मी के मौसम में ठंडी हवा में सोना सभी को सुकून देता है। ऐसे में बहुत से लोग पूरी रात एसी चलाकर सोते हैं ताकि आरामदायक नींद मिल सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत धीरे-धीरे बीमारियों को न्यौता दे सकती है?
रातभर एसी के संपर्क में रहना सिर्फ आपकी नींद ही नहीं, त्वचा, सांस, मांसपेशियों और इम्यून सिस्टम पर भी असर डालता है। आइए जानें, एक्सपर्ट्स इस बारे में क्या कहते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
👨⚕️ एक्सपर्ट की सलाह
डॉक्टरों के मुताबिक, एसी का तापमान हमेशा 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रखें।
कमरे में थोड़ा वेंटिलेशन (खिड़की/दरवाजा थोड़ा खुला) भी जरूरी है ताकि ताजी हवा का आना-जाना बना रहे।
ज्यादा ठंडी हवा शरीर का तापमान असंतुलित कर देती है जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, खासकर जब आप पूरी रात एसी चलाकर सोते हैं।
🚨 एसी में रातभर सोने से होने वाली 6 समस्याएं
1. 🛏️ नींद की गुणवत्ता खराब होना
बहुत ठंडा कमरा नींद को प्रभावित करता है। कंपकंपी और बेचैनी के कारण नींद बार-बार टूटती है। साथ ही, एसी और पंखे से उड़ती धूल और एलर्जेंस भी नींद को खराब कर सकते हैं।
2. 💢 मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
लंबे समय तक ठंडी हवा में रहने से मांसपेशियां अकड़ जाती हैं और दर्द बढ़ सकता है, खासतौर पर उन लोगों में जिन्हें पहले से जोड़ों की समस्या है।
3. 🤒 बीमारियों का खतरा बढ़ना
सुबह 4 से 6 बजे के बीच शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से गिरता है। ऐसे में एसी की ठंडी हवा इम्यून सिस्टम को कमजोर बना सकती है, जिससे सर्दी-खांसी, त्वचा में खुजली और सूखापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
4. 🥱 सुबह उठने पर थकान
रातभर ताजा हवा नहीं मिलती, जिससे नींद पूरी नहीं होती और सुबह शरीर सुस्त महसूस करता है। साथ ही, ठंडी हवा पाचन को प्रभावित कर सकती है और हार्मोनल असंतुलन भी पैदा कर सकती है।
5. 😮💨 सांस लेने में दिक्कत
अगर एसी की नियमित सफाई नहीं होती, तो उसमें धूल, फंगस और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं। इससे सांस की समस्या, एलर्जी, नाक बंद रहना या अस्थमा जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
6. 💧 डिहाइड्रेशन
एसी में नमी की कमी होती है, जिससे मुंह, गला और त्वचा सूखने लगते हैं। इससे पानी की कमी और डिहाइड्रेशन हो सकता है।
🛡️ कैसे करें बचाव?
एसी का तापमान 24–26 डिग्री पर सेट करें
रूम में थोड़ा वेंटिलेशन जरूर रखें
सोने से पहले एसी बंद कर दें या टाइमर सेट करें
एसी की नियमित सर्विसिंग और फिल्टर की सफाई कराएं
ह्यूमिडिफायर या पानी से भरा कटोरा कमरे में रखें, ताकि नमी बनी रहे
दिनभर खूब पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो
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