वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एशियाई अवसंरचना निवेश (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 9वीं वार्षिक बैठक से इतर कल यहां उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति एस मिर्जियोयेव से मुलाकात की।
इस दौरान श्रीमती सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से श्री मिर्जियोयेव को बधाई दी और अगस्त 2024 में आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान को धन्यवाद भी दिया।
श्री मिर्जियोयेव ने वित्त मंत्री का स्वागत किया और उल्लेख किया कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरा ऐतिहासिक संबंध है और उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उज्बेकिस्तान के समर्थन का आश्वासन दिया।
श्रीमती सीतारमण ने राष्ट्रपति को बताया कि डिजिटल प्रौद्योगिकी, फिनटेक, एआई, नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा का नागरिक उपयोग, स्वास्थ्य सेवा, फार्मा क्षेत्र, डीपीआई और यूरेनियम तथा उर्वरकों की दीर्घकालिक खरीद जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उप प्रधानमंत्री और व्यापार, निवेश और उद्योग मंत्री के साथ बहुत ही बैठकों के बारे भी बताया।
श्रीमती सीतारमण ने श्री मिर्जियोयेव को सुझाव दिया कि जैसे-जैसे भारत और उज्बेकिस्तान के बीच पर्यटन बढ़ता जा रहा है, फिनटेक में सहयोग पर द्विपक्षीय चर्चा, एक सीमा पार वास्तविक समय भुगतान प्रणाली दोनों पक्षों के छात्रों, पर्यटकों और व्यवसायों के लिए बहुत सुविधाजनक होगी।
द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने की क्षमता को पहचानते हुए राष्ट्रपति ने सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों को मजबूत करने के अलावा डिजिटल प्रौद्योगिकियों, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग करने के भारत के प्रस्तावों की सराहना की।
श्रीमती सीतारमण ने श्री मिर्जियोयेव को यह भी बताया कि भारत सतत विकास की दिशा में उज्बेकिस्तान के प्रयासों की सराहना करता है और दोनों देश हरित प्रौद्योगिकियों और जलवायु कार्रवाई पहलों पर सहयोग करने के तरीकों का पता लगा सकते हैं।
यह भी पढ़े :-
हरियाणा में कांग्रेस के ‘लाउडस्पीकर्स’ का करंट भी कमजोर हो गया है: मोदी