ट्राइग्लिसराइड्स शरीर में मौजूद एक प्रकार की वसा (लिपिड) होती है, जो ऊर्जा के रूप में संग्रहित होती है। लेकिन जब इसका स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो यह दिल की बीमारियों, हाई कोलेस्ट्रॉल और धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। आमतौर पर लोग ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन शरीर पहले ही इसके संकेत देने लगता है। खासकर, हाथ-पैर और स्किन में कुछ बदलाव दिखने लगते हैं, जो इसे गंभीर स्थिति में बदलने से पहले पहचानने में मदद कर सकते हैं।
ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के लक्षण जो हाथ-पैर में दिखते हैं
- स्किन पर बदरंग धब्बे
- त्वचा पर पीले या सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे दिखने लगते हैं, जिन्हें जैंथोमा कहा जाता है।
- ये शरीर में वसा के अधिक जमाव का संकेत देते हैं।
- हाथ-पैर में सुन्नपन या झनझनाहट
- ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस हो सकती है।
- पैरों में सूजन और भारीपन
- ज्यादा ट्राइग्लिसराइड धमनियों में ब्लॉकेज पैदा कर सकता है, जिससे पैरों में सूजन और थकान महसूस होती है।
- स्किन का ड्राई और बेजान होना
- ट्राइग्लिसराइड्स का बढ़ा हुआ स्तर त्वचा में नमी बनाए रखने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे हाथ-पैर की स्किन रूखी और बेजान हो सकती है।
- पैरों में ऐंठन और दर्द
- रक्त प्रवाह बाधित होने के कारण रात में पैरों में ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है।
धमनियों में ब्लॉकेज और अन्य गंभीर जोखिम
अगर समय पर ट्राइग्लिसराइड बढ़ने पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों के संकुचित होने) का कारण बन सकता है, जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
- ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
- फैटी लिवर की समस्या हो सकती है, जिससे लीवर ठीक से काम नहीं करता।
- पैंक्रियाटाइटिस (अग्नाशय की सूजन) हो सकती है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है।
ट्राइग्लिसराइड को नियंत्रित करने के आसान उपाय
- भोजन में सुधार करें
- तली-भुनी और अधिक शुगर वाली चीजों से बचें।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स (अखरोट, अलसी, मछली) का सेवन करें।
- फाइबर युक्त आहार लें, जैसे ओट्स, दलिया और हरी सब्जियां।
- व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें
- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक वॉक या हल्की एक्सरसाइज करें।
- योग और प्राणायाम से भी ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
- वजन को नियंत्रित रखें
- ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम करने के लिए शरीर के अनावश्यक वजन को कम करना जरूरी है।
- शराब और धूम्रपान से बचें
- ये दोनों चीजें लिवर और हृदय पर बुरा असर डालती हैं, जिससे ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ सकते हैं।
- पानी ज्यादा पिएं
- हाइड्रेटेड रहने से शरीर से विषैले पदार्थ निकलते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करता है।
अगर हाथ-पैर की स्किन में बदलाव दिखे, जलन, झनझनाहट या सुन्नपन महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। ये संकेत ट्राइग्लिसराइड बढ़ने के हो सकते हैं, जो आगे जाकर धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बन सकते हैं। सही खानपान, एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।