लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक ने पूरे 10 दिन बगैर निर्दल रहने के बाद एक सितंबर यानी आज जनता दल यूनाईटेड का दामन थाम लिया है।
जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। यह जदयू में उनकी दूसरी पारी है। पिछली बार भी वह राजद से सीधे जदयू में आए थे और इस बार भी वह ऐसा ही करने जा रहे हैं। ‘अमर उजाला’ से बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें उनकी पसंदीदा फुलवारीशरीफ विधानसभा सीट के लिए जदयू से भरोसा मिल गया है और एक जनवरी को वह जदयू में जाकर अभी से विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए मेहनत करने लगेंगे।
रोसा टूटा था, तभी छोड़ा था पिछली बार भी
बिहार में जब राजद-कांग्रेस की सरकार थी तो श्याम रजक ऊर्जा मंत्री के रूप में चर्चित रहे थे। 2005 के बाद से जब बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुर्सी संभाली तो भी श्याम रजक राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के वफादार बने रहे, लेकिन फिर पार्टी में उचित स्थान नहीं मिलने के कारण उन्होंने सत्ताधारी जदयू का दामन थाम लिया था। श्याम रजक ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि “दिवंगत वीपी सिंह, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरी मेहनत से वाकिफ रहे हैं, लेकिन पिछली बार भी तभी मैंने राजद छोड़ा- जब भरोसा टूटा था। इस बार तो साजिशों और झूठे आश्वासनों का दौर रहा, जिससे तंग आकर राजद छोड़ा है। सीएम नीतीश कुमार ने अपनी सरकार में मौका देकर देखा था। कुछ गलतफहमियों के कारण जदयू से राजद में चला गया था, लेकिन अब सारा सच सामने आ गया है। मैं एक सितंबर को जदयू में औपचारिक तौर पर आ जाऊंगा और फिर पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दूंगा।” जदयू से क्या उम्मीद है, इस सवाल पर श्याम रजक ने कहा कि “मुझे मेरे क्षेत्र फुलवारीशरीफ से चुनाव में उतारने का भरोसा मिल गया है। यह कोई शर्त नहीं थी, लेकिन भरोसा मिला है।”