राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने बदलापुर में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर लोगों को शपथ दिलाकर जनसभा को संबोधित किया। पवार ने कहा, हम यहां एक दुखद और चिंताजनक घटना के खिलाफ एकत्र हुए हैं। महाराष्ट्र में अब ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की खबरें न सुनने को मिलें।
यह वहीं राज्य है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज ने महिलाओं के सम्मान की रक्षा की थी। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र की शिंदे सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए। यह कहना कि विपक्ष राजनीति कर रहा है, जब वह एक घटना के खिलाफ आवाज उठाता है या प्रदर्शन करता है, यह दिखाता है कि सरकार कितनी असंवेदनशील है। बदलापुर घटना के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, बाबासाहेब आंबेडकर ने सभी को अधिकार दिए हैं, लेकिन राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कुछ मामलों में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, और लोगों में अब पुलिस का डर नहीं रहा है।
पुणे में भी ड्रग्स और कोयता गैंग जैसी कई घटनाएं हुई हैं, जिन्हें देखते हुए मैं ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करती हूं। श्रीमति सुले ने कहा, सरकार का यह कहना कि बदलापुर में जो लोग एकत्रित हुए थे, वे बाहरी थे, पूरी तरह से असंवेदनशीलता को दर्शाता है। मैं कहना चाहूंगी कि वे सभी भारतीय थे। जब तक आरोपियों को फांसी नहीं दी जाती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा। सुप्रिया सुले के बयान से राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की मांग की गई।
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