पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने टी20 विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए विवादों में घिरे कप्तान बाबर आजम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें टीम की अगुआई करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए गए हैं और अब समय आ गया है कि पीसीबी उनकी कप्तानी पर फैसला ले। पूर्व चैंपियन पाकिस्तान को अमेरिका और वेस्टइंडीज में आयोजित विश्व कप के ग्रुप चरण में नए खिलाड़ियों अमेरिका और चिर प्रतिद्वंद्वी भारत से हार का सामना करना पड़ा।
अफरीदी ने बर्मिंघम में मीडिया से कहा, “बाबर को पाकिस्तान की अगुआई करने का पूरा मौका मिला है। उन्हें कप्तान के तौर पर अपनी योग्यता दिखाने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। अब पीसीबी जो भी सर्जरी करना चाहे, उन्हें अपना फैसला लेना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मैंने भी पाकिस्तान की कप्तानी की है और यूनिस खान तथा मिस्बाह-उल-हक ने भी, लेकिन जब भी टीम विश्व कप में खराब प्रदर्शन करती है, तो सबसे पहले कप्तान को ही निशाना बनाया जाता है।” बाबर ने चार विश्व कप तथा दो एशिया कप में पाकिस्तान का नेतृत्व किया है। अफरीदी ने यह भी कहा कि यदि पीसीबी नया कप्तान नियुक्त करने का निर्णय लेता है, तो उन्हें तथा दो नए विदेशी कोचों – गैरी कर्स्टन तथा जेसन गिलेस्पी को खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पीसीबी जो भी निर्णय ले, उसे लेना चाहिए, लेकिन उसे कप्तान, कोच तथा सिस्टम को काम करने का समय देना चाहिए।” पूर्व कप्तान ने राष्ट्रीय चयनकर्ता वहाब रियाज तथा अब्दुल रज्जाक को बर्खास्त करने के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के निर्णय से भी असहमति जताई।
टीम के खराब टी20 विश्व कप अभियान के मद्देनजर दो पूर्व टेस्ट खिलाड़ियों को चयन समिति से हटा दिया गया था। अफरीदी ने कहा, “मेरे लिए यह सर्जरी कोई मायने नहीं रखती… केवल दो चयनकर्ताओं को बर्खास्त करना।” अफरीदी के दामाद शाहीन शाह अफरीदी एक टेलीविजन चैनल द्वारा यह दावा किए जाने के बाद सवालों के घेरे में आ गए हैं कि विश्व कप के दौरान तेज गेंदबाज का व्यवहार अच्छा नहीं था। चैनल ने दावा किया कि व्हाइट-बॉल कोच कर्स्टन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शाहीन प्रबंधन के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे और टीम में अनुशासन का सामान्य उल्लंघन हो रहा था। चैनल ने यह भी दावा किया कि पीसीबी को बताया गया था कि सीनियर टीम मैनेजर वहाब रियाज और मैनेजर मंसूर राणा ने शाहीन के व्यवहार को नजरअंदाज किया और इस बारे में उनसे बात करने की जहमत नहीं उठाई। ऐसे भी आरोप लगे हैं कि वहाब और रज्जाक ने अन्य चयनकर्ताओं पर कुछ ऐसे खिलाड़ियों को चुनने के लिए दबाव डालने की कोशिश की जो उस समय फॉर्म में नहीं थे।
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