केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को छत्तीसगढ़ के पवित्र धाम चंपारण पहुंचे और महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के मुख्य प्राकट्य बैठक स्थल के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। इसके साथ ही उन्होंने चम्पेश्वर महादेव की पूजा अर्चना भी की।
छत्तीसगढ़ में महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के जन्मस्थल में देशभर से पुष्टिमार्ग के अनुयायी जुटते हैं। बनारस दक्षिण प्रवास के दौरान वल्लभाचार्य जी की माता को प्रसव पीड़ा हुई और चंपारण में चम्पेश्वर महादेव मंदिर के निकट उन्होंने बालक को जन्म दिया। वल्लभाचार्य जी ने पुष्टि मार्ग का प्रवर्तन किया और देशभर में कृष्ण भक्ति की अलख जगाई।
चंपारण धाम में देश भर से श्रद्धालु जुटते हैं।
श्री शाह ने यहां पूजा अर्चना की और देशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। उल्लेखनीय है कि चंपारण में पहले चंपा के फूलों के जंगल भी थे। यह चंपा के फूल भगवान चम्पेश्वर महादेव को अर्पित किए जाते थे। भारत में हमेशा से उत्तर से दक्षिण भारत की ओर तथा दक्षिण भारत से उत्तर की ओर तीर्थ यात्रा की परंपरा रही है और यह तीर्थ यात्रा महानदी के बहुत से तीर्थ स्थलों के निकट से गुजरती है। चंपारण की कहानी अपने आप में भारत की विशिष्ट सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है। उसके साथ ही यह महाप्रभु वल्लभाचार्य एवं भक्ति आंदोलन के आचार्यों की सुंदर परंपरा को भी दर्शाती है जिन्होंने सनातन परंपरा के मूल्यों को संजोया और कृष्ण भक्ति की अलख जगाई।
चौरासी वैष्णवी की वार्ता तथा वल्लभ दिग्विजय जैसे ग्रंथों में महाप्रभु के बचपन और उनकी सुंदर स्मृतियां दर्ज हैं।
चंपारण राजिम के निकट है राजिम में भगवान श्री राजीव लोचन विराजित हैं। यह पद्म क्षेत्र कहा जाता है। इस पद्म क्षेत्र के चारों ओर पंचकोसी परिक्रमा होती है। इस पंचकोसी परिक्रमा में श्रद्धालु हिस्सा लेते हुए चम्पेश्वर महादेव में जल अर्पित करते हैं।
यह भी पढ़े :-
किडनी स्टोन में पालक: क्यों है यह खतरनाक? जाने किन चीजों से करें परहेज