वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि विभिन्न कारोबार को अलग करने के प्रस्ताव से कंपनी परिसंपत्ति प्रबंधक से परिसंपत्ति मालिक बनेगी। विभिन्न कारोबारों से जुड़ी वेदांता 15 से अधिक जिंसों का प्रतिनिधित्व करती है।
इकाइयों को अलग करने से एल्युमीनियम, तेल एवं गैस, बिजली, स्टील और लौह सामग्री तथा मूल धातु में कारोबार वाली स्वतंत्र कंपनियां अस्तित्व में आएंगी। मौजूदा जस्ता और नये ‘इनक्यूबेटेड’ कारोबार वेदांता लि. के अंतर्गत बने रहेंगे।
अग्रवाल ने एक नवीनतम रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारे विस्तार के कदम हमारे कारोबारी मॉडल में बदलाव लाने की योजना के अनुरूप हैं। 15 से अधिक वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे विविध कारोबारों को अलग करने से हम परिसंपत्ति प्रबंधक से परिसंपत्ति मालिक के रूप में प्रगति करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे कंपनी बदलाव के दौर से गुजर रही है, वेदांता अपने परिसंपत्ति आधार को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है ताकि वह अपने प्रत्येक क्षेत्र में विश्व में अगुवा बन सके।’’
प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता लि. ने कर्जदाताओं से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में कारोबारों को अलग करने की योजना का प्रस्ताव दिया है। उसे इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है।
वेदांता रिर्सोसेज की अनुषंगी वेदांता लि. को अपने कारोबारों को अलग करने के प्रस्ताव के लिए 75 प्रतिशत सुरक्षित कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है। कारोबार को अलग करने से कंपनी की कॉरपोरेट संरचना को सरल बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे वैश्विक निवेशकों के सीधे निवेश के लिए आगे आने की भी उम्मीद है।
कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 से अपने कारोबार में को गति देने के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 1.9 अरब डॉलर का निवेश कर रही है।
वेदांता का एकीकृत शुद्ध लाभ 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही में 36.5 प्रतिशत बढ़कर 3,606 करोड़ रुपये रहा। बेहतर मार्जिन और लागत में कमी के कारण कंपनी का लाभ बढ़ा। कंपनी ने एक साल पहले इसी अवधि में 2,640 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
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