दहेज दासी में अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन करने वाली अभिनेत्री सायंतनी घोष ने कहा कि भारतीय शास्त्रीय नृत्य शुरू से ही उनका जुनून रहा है। उन्हें कभी भी इसे औपचारिक रूप से सीखने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जब वह छह की थी, तब उनके माता-पिता ने उन्हें कुछ महीनों के लिए नृत्य कक्षा ज्वाइन करा दी थी । उस समय आप ज्यादा कुछ सीख नहीं पाते हैं।
सायंतनी ने कहा कि उन्हें विशेष रूप से भारतीय शास्त्रीय नृत्य पसंद है, लेकिन अभी तक इसे सीखने का मौका नहीं मिला है। नृत्य के प्रति उनका प्यार पहला संकेत था कि वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थी। कोलकाता में पली-बढ़ी सायंतनी के स्कूल में अक्सर नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के नृत्य नाटकों का प्रदर्शन हुआ करता था, जिसमें नृत्य के साथ अभिनय और भावनाओं का मिश्रण होता था।
सायंतनी ने बताया कि वह स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रहती थीं। तभी से मेरा झुकाव रचनात्मक क्षेत्र की ओर हुआ। भले ही उन्होंने औपचारिक रूप से नृत्य नहीं सीखा है, लेकिन यह पसंद उन्हें है। म्यूजिक चलाने की जरूरत है और वह डांस करने के लिए तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री ने उनके हुनर को पहचाना और सम्मान दिया है। जब भी लोग ऐसी अभिनेत्रियों के बारे में बात करते हैं जो अच्छा नृत्य कर सकती हैं, तो उनका नाम निश्चित रूप से उस सूची में आता है।
अपने शो में डांस सीन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब शो में डांस की बात आई तो वह बेहद खुश थी। उन्होंने कहा कि हम एक महा एपिसोड कर रहे थे जहां एक तांडव की जरुरत थी, वह काली शक्तियों को जीवंत करने के लिए तांडव कर रही थी। सबसे अच्छी बात यह थी कि मुझे इसे कोरियोग्राफ करने का मौका मिला। मेरे निर्माता जानते थे कि मैं एक अच्छी डांसर हूं और उन्होंने मुझे नृत्य को कोरियोग्राफ करने का अवसर दिया। मैंने उस तांडव में काली शक्तियों को बुलाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा और आत्मा झोंक दी। इसके बाद जो प्रतिक्रिया आई वह बहुत ही अद्भुत थी।
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