वक़्फ़ कानून के खिलाफ गरजा ‘वक्फ बचाओ सम्मेलन’, बोले मुस्लिम नेता – अब चुप नहीं बैठेंगे

24 अप्रैल को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक सेंटर में आयोजित ‘वक्फ बचाओ सम्मेलन’ में देश भर के कई मुस्लिम धर्मगुरु और नेता जुटे। सम्मेलन में AIMPLB के महासचिव मौलाना फजलुर रहमान मुज़द्दी ने तीखे शब्दों में वक्फ कानून की आलोचना करते हुए कहा – “हमने इस देश को आज़ाद कराया, खून बहाया, और आज उसी सरज़मीं पर हमें परेशान किया जा रहा है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों की मस्जिदों, कब्रिस्तानों और दरगाहों को छीनने की साजिश है। मंच से “वक्फ कानून वापस लो” जैसे नारे गूंजते रहे।

🗣️ “हमने सब बर्दाश्त किया, लेकिन अब दीन का मामला है” – पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब
पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने अब तक लिंचिंग, घर जलाने जैसी घटनाएं भी सह लीं, लेकिन अब जब धर्म पर चोट की जा रही है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, “अगर हमारा दीन नहीं रहा, तो हमारा वजूद भी नहीं रहेगा।”

उन्होंने बताया कि 5 मई को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और संविधान की रक्षा के लिए यह एक निर्णायक लड़ाई बन चुकी है।

🙏 मौलाना अरशद मदनी का संदेश: शरीयत में दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे
स्वास्थ्य कारणों से सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके मौलाना अरशद मदनी का संदेश मंच से पढ़ा गया। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून 2025 मुसलमानों की शरीयत में सीधी दखलअंदाजी है और इसे किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उनका कहना था, “अगर संविधान को बचाना है, तो इस कानून को खत्म करना अनिवार्य है, क्योंकि जब संविधान कमजोर होगा, तो लोकतंत्र की इमारत भी ढह जाएगी।”

🔥 “हम सिरों का नजराना देने को तैयार हैं” – सम्मेलन में गरजी आवाजें
सम्मेलन में शामिल रफीउद्दीन अशरफी ने कहा कि “हमने सर पर कफन बांध लिया है। वक्फ कानून को वापस लेना ही होगा। मुसलमानों को सड़कों पर उतरना होगा और अपने इरादे स्पष्ट करने होंगे।”

एसडीपीआई नेता मोहम्मद शफी ने कहा कि “नीतीश और नायडू आज के नए सावरकर बनते जा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि देश में एकतरफा राजनीति के जरिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।

🧩 “यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं, सेकुलरिज्म बनाम सांप्रदायिकता की लड़ाई है”
मौलाना मदनी ने यह स्पष्ट किया कि वक्फ को लेकर फैलाया जा रहा नकारात्मक प्रचार एक संगठित साजिश है, ताकि बहुसंख्यक समाज को मुसलमानों के खिलाफ भड़काया जा सके। उन्होंने कहा – “हम इस मुद्दे को कभी भी हिंदू-मुस्लिम नहीं बनने देंगे।”

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