मॉक ड्रिल पर संजय राउत ने साधा निशाना, कहा- इंदिरा जी से सीखें बदला लेना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस माहौल में भारत सरकार ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल करने का फैसला लिया है, जिसके आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इस मॉक ड्रिल को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है।

राउत ने कहा कि जब देश में युद्ध जैसी स्थिति होती है तो मॉक ड्रिल सामान्य प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि हमें 1971 और कारगिल युद्ध का अनुभव है। राउत ने कहा कि इस मॉक ड्रिल के दौरान पूरे दिन ब्लैकआउट होगा, सायरन बजेंगे और यातायात ठप हो जाएगी। “ये सब हमने 1971 में देखा है,” उन्होंने जोड़ा।

संजय राउत ने कहा कि सरकार अगर मॉक ड्रिल कराना चाहती है तो यह स्वागत योग्य कदम है। लेकिन उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 1971 में हमारे पास सीमित संचार साधन थे, जबकि आज संसाधन बहुत बेहतर हैं। “सरकार को लोगों को पूरी जानकारी देनी चाहिए कि ऐसे हालात में क्या करना है और क्या नहीं करना है,” उन्होंने कहा।

पहलगाम हमले पर सरकार को घेरा
संजय राउत पहलगाम हमले के बाद से लगातार सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमले को 12 दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। राउत ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, यूट्यूब चैनल बंद कराए और पानी रोकने की धमकी दी। “ये बदला नहीं है। अगर सच्चा बदला लेना है तो इंदिरा गांधी के समय का इतिहास देखिए,” राउत ने कहा।

कैसे होगी मॉक ड्रिल?
देश में आखिरी बार मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। इस बार सिविल डिफेंस की तैयारियों को मजबूत करने के मकसद से यह ड्रिल की जा रही है। ड्रिल के दौरान तेज आवाज वाले सायरन बजेंगे, जो 3 किलोमीटर के दायरे में सुनाई देंगे। इसका मतलब होगा कि लोग तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचें और खुले इलाकों से दूर रहें। इस मॉक ड्रिल में जिला अधिकारी, होमगार्ड और पुलिसकर्मी शामिल रहेंगे।

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