केंद्र की मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन करने जा रही है। केंद्र सरकार संसद में इसे पटल पर रखेगी। इन सबके बीच समाजवादी पार्टी और मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध करने का फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी से सांसद राजीव राय ने कहा कि सपा विरोध करेगी, क्योंकि देश में और भी मुद्दे हैं जिस पर लगातार हम आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
वहीं, इस विधेयक पर ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने भी कड़ा विरोध किया है। उन्होंन कहा कि मौजूदा सरकार मुसलमानों को छेड़ रही है। सरकार के द्वारा मुसलमानों को बार-बार परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 1954 में एक वक्फ एक्ट बना था। उसके बाद सरकार ने 1970 में सर्वे कराया, जिसके बाद गजट कराया। उन्होंने गजट की कॉपी दिखाते हुए कहा कि यह जमीन यह सारी वक्फ बोर्ड की है यह गजट की कॉपी है। तमाम स्टेट को केंद्र सरकार ने यह गजट बनकर दिया कि इस राज्य में यह वक्फ बोर्ड की जमीन है जब इसमें सब कुछ लिखा हुआ है और नोटिफाई भी हुआ है तो फिर उसके बाद में ट्रांसपेरेंसी पर सवाल अजीब है। सरकार सिर्फ मुसलमानों को गुमराह कर रही है। मुसलमानों को परेशान कर रही है और हम इस बिल का विरोध करेंगे।
सड़कों पर भी मैं मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहना चाहता हूं कि वह अपनी बातें शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करके रख सकते हैं। मौलाना ने कहा है कि केंद्र सरकार आगे चलकर वोट डालने का अधिकार भी मुसलमानों से छीन सकती है। दिल्ली में वक्फ बोर्ड की जमीन पर डीडीए, एनडीएमसी, रेलवे, एमसीडी का कब्जा है।
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