सुबह का नाश्ता हो या शाम का स्नैक्स, नमक का सेवन कहीं न कहीं हर वक्त हमारी डाइट का हिस्सा बन जाता है। ब्रेड, पराठा, चिप्स, नमकीन, सलाद और खाना, हर जगह नमक की मौजूदगी होती है। सोचिए, दिनभर में आप कितना नमक खा जाते हैं। हालांकि नमक का अत्यधिक सेवन शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
जब शरीर में ज्यादा नमक यानी सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह पानी के स्तर को भी बढ़ा देती है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, शरीर में सूजन (खासतौर पर हाथों और पैरों में), हार्ट अटैक, किडनी की कार्यक्षमता में कमी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, अगर नमक कम खाया जाए तो सोडियम की कमी से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हाइपोनेट्रिमिया जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में उल्टियां, सिर में दर्द, थकावट, मसल्स का कमजोर होना या टूटना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक नमक की कमी से व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
कितना नमक जरूरी है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, हम लोग दुनिया भर में दो गुना ज्यादा नमक खा रहे हैं, जिससे हाई ब्लड प्रेशर के मामले बढ़ रहे हैं। 13 साल और उससे अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति को दिन में 5 ग्राम (एक चम्मच) से ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए। यह याद रखें कि सिर्फ सब्जी में ही नमक नहीं होता, बल्कि ब्रेड, बिस्किट, नमकीन जैसी चीजों में भी नमक पाया जाता है। इसलिए अपने भोजन में नमक कम से कम इस्तेमाल करें, ताकि बाकी का नमक दूसरी चीजों से मिल सके।
बच्चों के लिए नमक की मात्रा अलग-अलग होती है:
9 से 13 साल के बच्चों के लिए 4 ग्राम नमक
4 से 8 साल के बच्चों के लिए 2 से 3 ग्राम नमक
1 से 3 साल के बच्चों के लिए 1.5 ग्राम नमक (छोटी चम्मच का एक तिहाई)
कौन-सा नमक सही है?
मार्केट में सफेद नमक के अलावा काला नमक और सेंधा नमक भी उपलब्ध हैं। अक्सर यह कहा जाता है कि सफेद नमक के बजाय सेंधा नमक खाना चाहिए, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप किसी भी नमक का सेवन कर सकते हैं, बस ध्यान रखें कि वह सीमित मात्रा में हो। सभी प्रकार के नमकों में 90% से ज्यादा सोडियम क्लोराइड होता है। हां, सेंधा नमक में अन्य मिनरल्स की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन इसके बावजूद यह मात्रा कम करने का तरीका नहीं है।
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