महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना विधानसभा चुनावों में महायुति के लिए गेमचेंजर साबित हुई। इस योजना से महिलाओं को सीधा लाभ मिला और इसका राजनीतिक फायदा भी सत्तारूढ़ दल को मिला। लेकिन अब विपक्ष आरोप लगा रहा है कि चुनाव खत्म होते ही सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म करने की तैयारी कर रही है।
क्या सच में लाडकी बहिन योजना बंद होने वाली है?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि यह योजना बंद नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पात्र महिलाओं को पूरी तरह लाभ मिलेगा, लेकिन जो लोग नियमों के तहत पात्र नहीं हैं, उन्हें योजना से बाहर रखा जाएगा।
फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि सरकार नियमों के तहत ही योजना को आगे बढ़ा रही है।
क्या लाडकी बहिन योजना की राशि बढ़ेगी?
महायुति ने चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं को 2,100 रुपये देने का वादा किया था।
फिलहाल योजना के तहत 1,500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं।
अब इसे बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का फैसला बजट सत्र में लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री अजित पवार पहले ही इस पर संकेत दे चुके हैं।
अगर सरकार इस घोषणा को अमल में लाती है, तो यह महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा होगा।
विपक्ष का हमला: क्या महिलाओं को किया जा रहा है बाहर?
विपक्ष का आरोप है कि सरकार चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे कर अब योजना के लाभार्थियों की संख्या तेजी से घटा रही है।
करीब 10 लाख महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया।
सरकार चुनावी फायदे के लिए इसे ‘चुनावी स्टंट’ की तरह इस्तेमाल कर रही है।
लाडकी बहिन योजना के कारण अन्य योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ पात्र महिलाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा और जो नियमों में फिट नहीं बैठते, वे इसमें शामिल नहीं किए जाएंगे।
शिवाजी महाराज पर बयानबाजी पर भी सियासत गरम
विपक्ष ने सरकार पर छत्रपति शिवाजी महाराज के अपमान का समर्थन करने का आरोप लगाया। इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने तीखा जवाब दिया—
“शिवाजी महाराज हमारे आराध्य हैं। अगर कोई उनके बारे में गलत बोलेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए इशरत जहां के नाम पर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का मुद्दा भी उठाया।
महाराष्ट्र का बजट सत्र होगा हंगामेदार!
महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र 3 मार्च से शुरू हो रहा है।
10 मार्च को वित्त मंत्री अजित पवार बजट पेश करेंगे।
सत्र करीब 25 दिन चलेगा और विपक्ष पूरी तैयारी से सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
लाडकी बहिन योजना, किसानों की योजनाएं, कानून व्यवस्था, मंत्रियों के इस्तीफे जैसे कई मुद्दों पर जमकर बहस होगी।
विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री की ‘चाय पार्टी’ का बहिष्कार कर सत्र में आक्रामक रुख का संकेत दिया।
इस बार बजट सत्र में जबरदस्त हंगामा देखने को मिल सकता है।
लाडकी बहिन योजना पर टकराव, लेकिन सरकार अडिग!
इस योजना के तहत राज्य सरकार पर हर साल 35,000 से 40,000 करोड़ रुपये का आर्थिक भार पड़ेगा। इससे अन्य योजनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है। विपक्ष का कहना है कि सरकार अब महिलाओं की संख्या कम कर रही है, जो उनके साथ धोखा है।
हालांकि सरकार का कहना है कि योजना बंद नहीं होगी, बल्कि इसे और मजबूत किया जाएगा।
अब देखना होगा कि बजट सत्र में सरकार इस पर क्या बड़ा ऐलान करती है और विपक्ष इसे कितना मुद्दा बना पाता है।
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