बिहार और उत्तर प्रदेश में मांड चावल काफी प्रचलित है. लोग इसे भोजन में खाना पसंद करते हैं. कई बार दाल की जगह मांड खाना पसंद करते हैं और कुछ लोग चावल पकने के बाद मांड को फेंक देते है, लेकिन क्या आप जानते हैं यह आपके सेहत के लिए कितना फायदेमंद है. मांड बनाने के लिए चावल को पतीले या किसी कड़ाही में पकाना पड़ता है चावल पकने के बाद जो पानी बच जाता है उसे मांड कहते हैं.
आइए जानते हैं इसके फायदे…
पोषक तत्वों से भरपूर: मांड में चावल से निकलने वाले कई पोषक तत्व होते हैं. चावल पकते समय, इसमें से कुछ अमिनो अम्ल, विटामिन्स और मिनरल्स इस पानी में विलीन हो जाते हैं.
पाचन में सहायक: मांड आमतौर पर हल्का होता है और इसकी संरचना पाचन में सहायक होती है.
बालक आहार: मांड में पाए जाने वाले पोषक तत्व छोटे बच्चों के विकास के लिए भी लाभकारी होते हैं, इसलिए अक्सर इसे बच्चों को पिलाया जाता है.
उपयोगिता: कुछ लोग मांड को फेंक देते हैं, लेकिन इसे सहेजकर अन्य विभिन्न व्यंजनों में प्रयोग किया जा सकता है.
हाइड्रेशन : मांड एक अच्छा तरल पदार्थ है, जो शरीर को हाइड्रेशन रखता है, खासकर गर्मियों में जब हम अधिक पानी की जरूरत महसूस करते हैं.
ऊर्जा स्रोत: मांड में ग्लुकोज और स्टार्च होता है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है. इसलिए, यदि आप थकावट महसूस कर रहे हैं, तो मांड पीने से ताजगी महसूस हो सकती है.
आंत में सूजन कम करना: कुछ लोगों का मानना है कि मांड में अंतिओक्सीडेंट गुण होते हैं जो आंत में सूजन को कम कर सकते हैं.
विटामिन और मिनरल: चावल पकाने के समय उससे विलीन होने वाले विटामिन और मिनरल अब मांड में होते हैं. इससे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है.
दिल की सेहत: कुछ अध्ययन सूचित करते हैं कि मांड में सेलेनियम जैसे मिनरल्स होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए अच्छे होते हैं.
नमी प्रदान करता है: मांड में मौजूद स्टार्च त्वचा को हाइड्रेटेड रखता है, जिससे त्वचा सूजन और रूखापन से मुक्त रहती है.
त्वचा को निखारता है: उसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा पर निखार आता है.
सूजन और एक्ने को कम करता है: मांड में शामिल विटामिन और मिनरल्स त्वचा की सूजन और एक्ने को कम करने में मदद करते हैं.