रिटायर्ड IAS अधिकारी रमेश अभिषेक के खिलाफ ईडी के द्वारा मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की. टीम ने रमेश अभिषेक के खिलाफ उनकी आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू कर दी है
साथ ही इससे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत उनके कई ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है. रमेश अभिषेक की बात करें तो डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के पूर्व सचिव भी रह चुके हैं.
ED का यह मामला CBI की ओर से हाल ही में दर्ज एक FIR पर आधारित है. 1982 बैच के आईएएस के अधिकारी के घर पर सीबीआई ने फरवरी में छापेमारी की थी. वह डीपीआईआईटी से 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे. CBI ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये कार्रवाई की थी. इसी केस के आधार पर ED को इस मामले में शामिल किया गया है और मंगलवार को कई ठिकानों पर छापा मारा.
CBI ने फेक भी फरवरी में रमेश अभिषेक के यहां पर छापा मारा था तब आरोप लगाया गया था कि अभिषेक ने रिटायरमेंट के बाद उन प्राइवेट कंपनियों से परामर्श शुल्क के रूप में भारी रकम प्राप्त की थी और जिस वजह से संपत्ति में बढ़ोतरी कर ली. इनमें वे कंपनियां थीं, जिनके काम या मामले अभिषेक ने सेवा में रहते हुए पूरे किए थे. CBI की कार्रवाई उनकी बेटी वानेसा के खिलाफ केस दर्ज किया था.
अभिषेक वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और सीबीआई ने उनके खिलाफ लोकपाल के आरोपों के बाद मामला दर्ज किया गया था. लोकपाल का आरोप था की अभिषेक अपनी बेटी के साथ मिलकर कई कंपनियों और संस्थाओं से शुल्क के रूप में भारी भरकम रकम प्राप्त की है.
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