राज्यसभा में शुक्रवार को किसानों को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के जवाब को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा ‘‘अन्नदाता की इज्जत कीजिये, उसकी सेवा कीजिये, हंगामा कर उसका अपमान मत कीजिये।’’
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूछे गए एक पूरक प्रश्न का कृषि मंत्री चौहान ने जवाब दिया।
उनके जवाब पर असंतोष जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने कहा कि अगर किसानों के कल्याण के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं तो उनकी आत्महत्या के मामले थम क्यों नहीं रहे हैं। कुछ सदस्यों ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर विरोध जताया और फिर सदन में हंगामा होने लगा।
सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की। हंगामा न थमने पर उन्होंने क्षोभ जताते हुए कहा कि भारत किसान प्रधान और कृषि प्रधान देश है तथा किसानों की समस्याओं पर चर्चा सदन में हो रही है लेकिन इसे हंगामा कर बाधित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा ‘‘मैं स्वयं किसान परिवार से आता हूं और किसानों की समस्याओं से अवगत हूं। सदस्यों ने सवाल पूछे और कृषि मंत्री ने जवाब दिया है। अगर सदस्यों को उनके जवाब पर आपत्ति हो तो समुचित तरीके से उसे उठाया जाए। हंगामा करना ठीक नहीं है। अन्नदाता की इज्जत कीजिये, उसकी सेवा कीजिये, हंगामा कर उसका अपमान मत कीजिये।’’
सभापति ने कहा ‘‘मुझे पता है कि आप किसानों की चिंता नहीं कर रहे बल्कि राजनीति कर रहे हैं। आप किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं। किसानों से क्या बैर है आपका? अपने गिरेबान में झांकिये। मैं बहुत कुछ बोल सकता हूं।’’
उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील की। इसी दौरान उन्होंने कांग्रेस के सदस्य रणदीप सुरजेवाला को अपने स्थान पर बैठने और कार्यवाही चलने देने के लिए बार बार आगाह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर वह सदस्य का नाम लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
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