रिलायंस की वायकॉम18-डिज्नी का विलय: सरकार ने स्टार इंडिया को लाइसेंस हस्तांतरण की मंजूरी दी

सरकार ने अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की मीडिया इकाइयों के गैर-समाचार और समसामयिक विषयों के टीवी चैनल से संबंधित लाइसेंस को स्टार इंडिया को हस्तांतरित करने को मंजूरी दे दी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीवी18 ब्रॉडकास्ट द्वारा शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के अनुसार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 27 सितंबर के आदेश के जरिये यह मंजूरी दी है।

इसमें कहा गया है, ‘‘सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 27 सितंबर, 2024 के अपने आदेश के माध्यम से स्टार इंडिया के पक्ष में वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के गैर-समाचार और समसामयिक विषयों के टीवी चैनल से संबंधित लाइसेंस को हस्तांतरित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।’’

यह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन होगा।

वायकॉम18 एक होल्डिंग कंपनी है जो रिलायंस इंडस्ट्रीज और बोधि ट्री सिस्टम्स के मीडिया और मनोरंजन कारोबार का स्वामित्व रखती है।

अब दोनों पक्ष विलय के अंतिम चरण में हैं और सीसीआई के निर्देशों के अनुरूप अपने कारोबार में कुछ समायोजन कर रहे हैं।

गत 30 अगस्त को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की मीडिया और मनोरंजन परिसंपत्तियों का स्वामित्व रखने वाली वायकॉम18 मीडिया और डिजिटल18 मीडिया के स्टार इंडिया के साथ विलय की योजना को मंजूरी दे दी थी।

इस योजना में वायकॉम18 और जियो सिनेमा से संबंधित मीडिया परिचालन को डिजिटल18 में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, जो वायकॉम18 की अनुषंगी कंपनी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज और द वॉल्ट डिज्नी कंपनी की मीडिया परिसंपत्तियों के विलय से देश का सबसे बड़ा मीडिया समूह बनेगा, जिसकी मूल्यांकन 70,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। इससे पहले सीसीआई ने कहा था कि उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, डिजिटल18 मीडिया लिमिटेड, स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईपीएल) और स्टार टेलीविज़न प्रोडक्शंस लिमिटेड (एसटीपीएल) के संयोजन के प्रस्ताव को स्वैच्छिक संशोधनों के अनुपालन के अधीन मंजूरी दे दी है।

हालांकि, सीसीआई ने दोनों पक्षों द्वारा किए गए मूल सौदे में स्वैच्छिक संशोधनों का खुलासा नहीं किया। इस सौदे के तहत, मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली आरआईएल और उसके सहयोगी संयुक्त इकाई में 63.16 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेंगे, जिसमें दो स्ट्रीमिंग सेवाएं और 120 टेलीविजन चैनल होंगे। वहीं वॉल्ट डिज्नी के पास इस सामूहिक इकाई में शेष 36.84 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। यह देश की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी होगी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने नेटफ्लिक्स और जापान की सोनी जैसी प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए संयुक्त उद्यम में करीब 11,500 करोड़ रुपये के निवेश पर भी सहमति व्यक्त की है। आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी संयुक्त उद्यम की प्रमुख होंगी, जबकि उदय शंकर इसके वाइस-चेयरपर्सन होंगे।

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