अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), आईसीआईसीआई बैंक और अन्य कर्जदाताओं का बकाया चुकाने के बाद अपना एकल कर्ज 87 प्रतिशत घटा लिया है। अब कंपनी पर 475 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने बुधवार को शेयर बाजार और मीडिया को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसका एकल आधार पर बाहरी कर्ज 3,831 करोड़ रुपये से घटकर 475 करोड़ रुपये रह गया है।
कंपनी ने कहा, “इस प्रकार, कंपनी का नेटवर्थ 9,041 करोड़ रुपये है। रिलायंस इन्फ्रा ने भारतीय जीवन बीमा निगम, एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक और अन्य ऋणदाताओं का बकाया चुका दिया है।”
इसने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का पूरा बकाया कर्ज चुकाने के लिए 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
रिलायंस इन्फ्रा ने कहा कि एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ उसने ‘कंपनी द्वारा जारी 385 करोड़ रुपये के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के संबंध में सभी प्रतिबद्धताओं का एकमुश्त निपटान’ कर लिया है।
कंपनी ने कहा कि यह निपटान 30 सितंबर, 2024 से पहले पूरा हो जाएगा। जब तक इस एकमुश्त निपटान के अनुसार बकाया राशि का निपटान नहीं हो जाता, तब तक इस संबंध में पक्षों के बीच सभी कानूनी कार्यवाही स्थगित रहेगी।
रिलायंस इन्फ्रा ने एडलवाइस के साथ 235 करोड़ रुपये की एक और देनदारी का भी निपटान किया।
इसने अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएमएल) और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) (पूर्व में अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड) के साथ भी समझौता किया।
इसके बाद, दोनों कंपनियां एक-दूसरे के खिलाफ मध्यस्थता के दावों को वापस लेने पर सहमत हो गई हैं। रिलायंस इन्फ्रा ने 2022 में अपने मुंबई में बिजली-वितरण कारोबार को अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेचने के सौदे के संबंध में 13,400 करोड़ रुपये का मध्यस्थता दावा दायर किया था।
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