बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार भले ही भारत के खिलाफ सख्त रवैया दिखाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी बांग्लादेश की सेना अपने अफसरों को ट्रेनिंग के लिए भारत भेज रही है। डिफेंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग लगातार जारी है — और इस पर रोक लगाने की हिम्मत अंतरिम प्रधानमंत्री मो. यूनुस भी नहीं जुटा पा रहे।
फिलहाल बांग्लादेश के कई अफसर भारत में ट्रेनिंग ले रहे हैं, जो 30 जून 2025 तक चलेगी।
राजनीतिक तल्खी के बीच भी फौजी रिश्ता बरकरार
हालांकि बीते कुछ समय में भारत-बांग्लादेश के कूटनीतिक रिश्तों में ठंडापन देखा गया है, खासकर जब इस साल की शुरुआत में यूनुस सरकार ने भारत आने वाले 50 बांग्लादेशी जजों को रोक दिया था। लेकिन सेना के अफसरों की ट्रेनिंग पर कोई रोक नहीं लगाई गई।
हाल ही में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने साफ कहा कि उनका देश ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे भारत के रणनीतिक हितों पर असर पड़े।
कितने अफसर आते हैं भारत? आंकड़ों पर एक नजर
भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाले डिफेंस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत हर साल दर्जनों बांग्लादेशी अफसर भारत आते हैं। वहीं भारत से भी कुछ अफसर ट्रेनिंग देने बांग्लादेश जाते हैं।
वर्ष भारत में ट्रेनिंग लेने वाले बांग्लादेशी अफसर
2020-21 37
2021-22 62
2022-23 52
2023-24 30
2024-25 41 (वर्तमान में)
इस समय भारत में 41 बांग्लादेशी सैन्य अफसर ट्रेनिंग कर रहे हैं और 11 भारतीय सैन्य अधिकारी ढाका में कार्यरत हैं।
1 जुलाई से 30 जून तक चलती है ट्रेनिंग
भारत में ट्रेनिंग लेने वाले बांग्लादेशी अफसर हर साल 1 जुलाई से अपना कोर्स शुरू करते हैं और यह ट्रेनिंग 30 जून तक चलती है। इस साल भी नया बैच जुलाई से भारत पहुंचेगा।
भारत में कहां होती है ट्रेनिंग? जानिए प्रमुख संस्थान
बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों को भारत के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों में भेजा जाता है:
नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC), नई दिल्ली
रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर सीनियर अधिकारियों को ट्रेनिंग।
इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA), देहरादून
सैन्य नेतृत्व और युद्ध कौशल की बुनियादी ट्रेनिंग।
डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC), वेलिंगटन, तमिलनाडु
मिड-लेवल अफसरों के लिए स्टाफ और कमांड ट्रेनिंग।
इंफैंट्री स्कूल और आर्मी वॉर कॉलेज, महू, मध्य प्रदेश
ग्राउंड वॉरफेयर, रणनीति और ऑपरेशनल ट्रेनिंग।
नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) और सैनिक स्कूल्स, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्य
कैडेट स्तर से ही सहयोग और आपसी समन्वय की शुरुआत।
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