2020 में दिल्ली में हुए दंगे की लेकर इस मामले में आरोपी उमर खालिद को फिर से झटका लगा है।राजधानी दिल्ली में 2020 में हुए दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद को कोर्ट की तरफ से फिर से झटका लगा है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर इसके बड़ी साजिश के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दीया है।आपको बता दें की उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े यूएपीए मामले में मुख्य आरोपी है। उसने इस मामले में नियमित जमानत मांगी थी। कोर्ट ने इसकी सुनवाई के दौरान दूसरी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है।
हिंदू देवी देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें लगाकर खालिद ने पहले भी नफरत फ़ैलाने की कोशिश की थी। खालिद पहले कई मौकों पर कश्मीर की आजादी की मांग को उठाते रहे हैं यही नहीं वह उस समारोह में भी शामिल थे जब आतंकी अफजल की फांसी पर जेएनयू कैंपस में मातम मनाया गया था।
खालिद पहले भी कई मौकों पर कश्मीर की आजादी की मांग करते रहें, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में जब सीआरपीएफ जवानों की हत्या हुई थी तो उसपर जश्न मनाने वाले लोगों मे भी वो लोग शामिल थे। इस मामले को लेकर खालिद पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
उमर परिवार के साथ दिल्ली के जाकिरनगर में रहते हैं। उनके पिता सैयद कासिम रसूल इलियास दिल्ली में ही ऊर्दू की मैगजिन ‘अफकार-ए-मिल्ली’ को चलाते हैं। खालिद की बात करें तो जेएनयू के स्कूल ऑफ सोशल साइंस से इतिहास में पीएचडी पूरी कर चुके हैं। इतिहास से ही एमए और एमफिल भी कर चुके हैं।
खालिद जिस डीएसयू संगठन से जुड़े हैं,इसे सीपीआई माओवादी समर्थित छात्र संगठन माना जाता है। उमर खालिद पर 9 फरवरी को देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लगा था। उसके बाद उमर खालिद अचानक से गायब हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। कुछ खबरें में पता चला था की सीधा संबंध आतंकी संगठन से है।
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