लोकसभा में सोमवार को प्रश्न काल में समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) पेपर लीक मामले पर कहा कि सरकार क्या पेपर लीक मामले में रिकॉर्ड बनायेगी।
यादव ने कहा कि अनेक परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, पेपर लीक मामले में रिकॉर्ड न बनाये जायें। नीट पेपर लीक मामले को लेकर पूरे देश के विद्यार्थी आंदोलित हैं। परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले लोग पकड़े जा रहे हैं और लोग जेल जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह मंत्री जी रहेंगे, तो न्याय नहीं मिलेगा बच्चों को।”
उन्होंने कहा कि नीट-यूजी की कुल 30 हजार सीटे हैं और इस परीक्षा के कई केन्द्र ऐसे हैं, जहां के बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने 650 और उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं। ऐसा कैसे हुआ?
इससे पहले कांग्रेस के बी मणिक्कम टैगोर ने कहा कि क्या सरकार नीट के प्रश्नपत्रों के लीक होने के मद्देनजर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में आमूल-चूल परिवर्तन करने पर विचार कर रही है। गत सात वर्षों के दौरान ऐसे 70 पेपर लीक हुये हैं, जिसके कारण दो करोड़ से अधिक छात्र प्रभावित हुये हैं। विद्यार्थियों के भविष्य की सुरक्षा के लिये सरकार ने क्या कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार क्या कई राज्यों विशेषकर तमिलनाडु की मांग के अनुसार नीट परीक्षा को रद्द करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले को लेकर क्या मंत्री इस्तीफा देंगे।
इस पर शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा से मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि नीट पेपर लीक मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है। इस मामले में कुछ छिपाया नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि नीट को समाप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रधान ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर नीट परीक्षा के पूरे अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी गयी है। परीक्षा में केरल के विद्यार्थी भी शामिल हैं, क्या वहां भी गड़बड़ी हुई है। इस परीक्षा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थी भी शामिल हैं।
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