FILE PHOTO: CCTV cameras are seen installed above the logo of Reserve Bank of India (RBI) inside its headquarters in Mumbai, India, February 7, 2019. REUTERS/Francis Mascarenhas/File Photo

कर्ज देने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले ऐप से बचाने को आरबीआई बनाएगा रिपॉज़िटरी

ऋण या उधार देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले ऐप से ग्राहकों को बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल लेंडिंग ऐप (डीएलए) के लिए एक सार्वजनिक रिपॉज़िटरी बनाएगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डेटा गोपनीयता, ब्याज दरों और रिकवरी पर चिंताओं, गलत बिक्री को लेकर डिजिटल लेंडिंग पर दिशानिर्देश 02 सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे। हालांकि, मीडिया रिपोर्टों ने डिजिटल लेंडिंग में बेईमान प्लेयर्स की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई विनियमित संस्थाओं (आरई) के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं।

इसको ध्यान में रखते हुए डिजिटल लेंडिंग ऐप (डीएलए) के आरई के साथ जुड़ाव के दावे को सत्यापित करने में ग्राहकों की मदद करने के लिए रिजर्व बैंक आरई के डीएलए का एक सार्वजनिक रिपॉज़िटरी बना रहा है जो आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। यह रिपॉज़िटरी आरई द्वारा (आरबीआई के किसी हस्तक्षेप के बिना) सीधे रिपॉज़िटरी में संग्रहित डेटा पर आधारित होगा और जब भी आरई विवरण की रिपोर्ट करेंगे, यानी नए डीएलए को जोड़ना या किसी मौजूदा डीएलए को हटाना, तो इसे अपडेट कर दिया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।

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