पेरिस ओलंपिक के तीसरे दिन भारत शूटिंग में अपने दूसरे मेडल से चूक गया है। भारतीय शूटर रमिता जिंदल को विमेंस 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में निराशा हाथ लगी है। फ़ाइनल मुक़ाबले में जिंदल ने कुल 145.3 अंक हासिल किए और आठ निशानेबाजों के फाइनल में वह सातवीं पोजीशन पर रहीं। रमिता जिंदल को अपने आखिरी 2 शॉट 10.2, 10.2 का खामियाजा भुगतना पड़ा।
इससे पहले रमिता जिंदल ने कुल 631.5 अंक के साथ फाइनल में जगह पक्की की थी। वह इस ओलंपिक में पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर के बाद फाइनल में जगह पक्की करने वाली भारत की दूसरी निशानेबाज थीं। 24 घंटे पहले ही भारतीय महिला निशानेबाज मनु भाकर ने विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा जमाया था। मनु भाकर ने भारत को पेरिस ओलंपिक में पहला मेडल दिलाया था। मनु भाकर ने ब्रॉन्ज जीतकर इतिहास रचा था। वह शूटिंग में मेडल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थी।
महज 20 साल की उम्र में ओलंपिक के फाइनल में खेलना रमिता जिंदल के लिए बड़ी उपलब्धि है। पेरिस ओलंपिक में भले ही वह हार गईं हो, लेकिन आने वाले दिनों में भारत के लिए सुपरस्टार साबित हो सकती है।