योगगुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स ने मार्च तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस तिमाही में कंपनी के नेट प्रॉफिट में 22 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 206.32 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले की इसी तिमाही यानी वित्त वर्ष 2023 की मार्च तिमाही में यह 263.71 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में परिचालन से राजस्व चार प्रतिशत बढ़कर 8,221 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 23 की मार्च तिमाही में यह 7,873 करोड़ रुपये था। बता दें कि पतंजलि फूड्स को पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज के नाम से जाना जाता था।
खाद्य और एफएमसीजी सेग्मेंट की डिटेल
पतंजलि फूड्स के खाद्य और एफएमसीजी सेग्मेंट ने कहा कि उसने मार्च तिमाही में 2,704.61 करोड़ रुपये के अपने उच्चतम तिमाही राजस्व को छू लिया है। एक तिमाही पहले यह 2,498.62 करोड़ रुपये था। इस लिहाज से 8.24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू तिमाही में खाद्य और एफएमसीजी सेग्मेंट से राजस्व परिचालन से कुल राजस्व का 32.57 प्रतिशत था। कंपनी का कुल राजस्व अपने परिचालन से 31,721.35 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कुल राजस्व में, खाद्य और एफएमसीजी खंड की हिस्सेदारी से बिक्री 9,643.32 करोड़ रुपये थी। पतंजलि फूड्स के शेयर की बात करें 0.24% बढ़कर 1334.45 रुपये पर पहुंच गया है।
पतंजलि फूड्स का प्लान
हाल ही में पतंजलि फूड्स ने कहा कि वह प्रवर्तक समूह पतंजलि आयुर्वेद के गैर-खाद्य कारोबार का अधिग्रहण करने के प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी। हालांकि कंपनी ने गैर-खाद्य उत्पादों की उन श्रेणियों का उल्लेख नहीं किया है जिनका वह अधिग्रहण करने के बारे में सोच रही है। लेकिन सूत्रों ने कहा कि वह दांतों की देखभाल, घरेलू देखभाल, व्यक्तिगत देखभाल श्रेणियों के उत्पाद हासिल करने पर विचार करेगी। बाबा रामदेव की अगुवाई वाले प्रवर्तक समूह के कुल कारोबार में इन उत्पादों की हिस्सेदारी 50-60 प्रतिशत है।