रामबन की पुकार: बाढ़ पीड़ितों ने रो-रो कर बताया अपना दर्द

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में हालिया बाढ़ और भूस्खलन ने जमकर तबाही मचाई है। हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद मौके पर पहुंचे, जहां बाढ़ पीड़ितों ने उनके काफिले को रोककर गुहार लगाई और अपना दुख साझा किया।

भीड़ ने मुख्यमंत्री को रोका और बताया कि किस तरह उनकी जिंदगियां तबाह हो गई हैं। महिलाएं रोते हुए अपनी आपबीती सुनाने लगीं। सीएम उमर अब्दुल्ला ने गाड़ी से उतरकर सभी की बातें गंभीरता से सुनीं और सहायता का भरोसा दिलाया।

🚧 सरकार की प्राथमिकता: जान बचाना और रास्ते खोलना
सीएम उमर ने कहा कि ये घटना का तीसरा दिन है और हर दिन वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने खुद पैदल चलकर हालात का जायजा लिया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सबसे पहले लोगों की जान बचाना प्राथमिकता थी, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अब दूसरा फोकस टूटी हुई सड़कों को दोबारा जोड़ने पर है, ताकि राहत सामग्री समय पर पहुंचाई जा सके।

🛣️ 24 घंटे में खुलेगा हाईवे, जल्द पहुंचेगी राहत
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि 24 घंटे के भीतर हाईवे का एक ट्रैक चालू हो जाएगा। इसके बाद तेजी से मलबा हटाया जाएगा और फिर मुआवजे की प्रक्रिया शुरू होगी।

उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार आकलन कर प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार से हर संभव मदद मिलेगी।

🏚️ रामबन की तबाही: घर उजड़े, सड़कें टूटीं, लोगों की जिंदगी में आया तूफान
रामबन में बादल फटने और तेज बारिश के बाद आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। अब तक 37 घर क्षतिग्रस्त, कई दुकानों को नुकसान और तीन लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है। 10 से 12 गांवों में हालात बेहद खराब हैं।

जगह-जगह मलबा फैला है, गाड़ियां उसमें फंसी हैं और कई मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।

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