रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम भारतीय महाकाव्य की पहली एनिमेटेड फिल्म है, जिसका एनीमेशन कंप्यूटर के बजाय हाथ से किया गया है। फिल्म रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामnको यूगो सको ने बनाया और कोइची सासाकी और राम मोहन ने निर्देशित किया है। युगो साको ने फिल्म रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामका हाथों से एनीमेशन बनाने का फैसला किया था और उनके इस फैसले ने एनीमेशन की दुनिया में लाई नयी क्रांति ला दी। यह फिल्म 1993 में पूरी हुई थी और इसने एनीमेशन की दुनिया को बदल दिया था, क्योंकि इसने भारतीय पौराणिक कथाओं को जापानी एनीमे के जरिए दुनिया भर के दर्शकों के सामने पेश किया था और इस तरह से एनीमेशन के इतिहास में इस महाकाव्य की एक खास जगह बनी।
युगो साको की “रामायण” बनाने की कहानी उसकी भारतीय संस्कृति के लिए गहरे प्यार को दर्शाती है। जब वो भारत में पुरातत्व उत्खनन पर एक डॉक्यूमेंट्री बना रहे थे, तब उन्हें देश का कई बार दौरा करना पड़ा। दौरों के बीच, उन्हें एक परफेक्ट कहानी मिलती थी जो एनिमेटेड फिल्म में बदल सकती थी, और इस तरह से “रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा” का जन्म हुआ। साको का मानना था कि रामायण में प्यार, दोस्ती और वफ़ादारी के मुख्य विषय सभी के लिए अहम हैं। उनका मानना था कि एनिमेशन का इस्तेमाल करके इन मूल्यों को दुनिया भर के बच्चों और जवानों के साथ साझा करने में मदद मिल सकती है।
फिल्म रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम को 450 कलाकारों की टीम ने बनाया था, जिन्होनें लगभाग 100,000 हाथ से बनी इमेज का इस्तमाल किया। साको ने पारंपरिक हाथ से बनाए गए एनीमेशन को कंप्यूटर एनीमेशन पर तर्जीह दी क्योंकि उनका मन ना था कि इस रामायण की भावना और इंसानी जज़्बात बेहतर तरीके से दिखाए जा सकते हैं। उनकी टीम की मेहनत ने डिटेल्ड प्रोसेस को इमोशनल और सबके लिए जुड़ाव महसूस करने वाला बना दिया। बहुत से एनिमेटर्स जो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, उन्होंने ने बाद में पोकेमॉन, ड्रैगन बॉल जेड, डोरेमोन और स्टूडियो घिबली की फिल्में जैसे मशहूर शो में भी योगदान दिया, जो दिखाता है कि इस फिल्म के एनीमेशन का इंडस्ट्री पर कितना असर हुआ।
रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस राम ने जापानी एनीमेशन स्टाइल और भारतीय कहानियों के बीच एक खास पार्टनरशिप भी बनाई है। इसने दोनों देशों की कलाओं को एक ऐसे तरीके से जोड़ा जो पहले कभी नहीं हुआ था। “रामायण: द लेजेंड ऑफ प्रिंस रामा” चार भाषाओं अंग्रेजी, हिंदी, तमिल और तेलुगु में पहली बार पैन इंडिया में दशहरा और दिवाली के त्योहारों के दौरान रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को एक सिनेमा के जश्न के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और जापानी एनीमे की अनोखी रचनात्मकता का मेल है। इसे गीक पिक्चर्स इंडिया, एए फिल्म्स, और एक्सेल एंटरटेनमेंट द्वारा पूरे देश में रिलीज़ किया जाएगा।
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