पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भारत के कई हिस्सों में मौसम में नाटकीय बदलाव आया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज पूरे दिन दिल्ली-एनसीआर में लगातार बारिश का अनुमान लगाया है। आईएमडी ने एक अलर्ट भी जारी किया है, जिसमें भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, जो 15 अगस्त तक कई राज्यों में व्यवधान पैदा कर सकती है।
रविवार को हुई बारिश ने दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मौसम में एक ताज़ा बदलाव लाया। हालांकि, आईएमडी ने आज और अधिक बारिश की आशंका जताते हुए इस क्षेत्र के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के कारण दिल्ली भर में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आई है, हालांकि इससे शहर के कई हिस्सों में यातायात बाधित हुआ और जलभराव हुआ। आईएमडी ने आज दिल्ली में बादल छाए रहने और अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया है। यहाँ उन राज्यों पर एक नज़र डाली गई है जहाँ IMD ने 11 अगस्त से 15 अगस्त तक बारिश की भविष्यवाणी की है।
IMD ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जहाँ 13 अगस्त तक बारिश जारी रहने की उम्मीद है।
15 अगस्त तक कई राज्यों में भारी बारिश की उम्मीद:
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है। पहाड़ी क्षेत्रों में, जम्मू और कश्मीर में 11 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है, जबकि उत्तराखंड और राजस्थान में 15 अगस्त तक भारी बारिश होने की उम्मीद है। सौराष्ट्र और कच्छ में भी 10 अगस्त तक बारिश होने की संभावना है।
हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश का कहर:
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, भूमि धंसने और बाढ़ के कारण 128 सड़कें बंद हो गई हैं। आईएमडी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी, सिरमौर, शिमला और कुल्लू जिलों में बाढ़ का खतरा अधिक है। 27 जून से 9 अगस्त तक हिमाचल में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
शनिवार रात उत्तराखंड के चमोली में भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ और बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने बताया कि पहाड़ियों से मलबा गिरना जारी है, जिससे कामेड़ा, नंदप्रयाग और छिंका इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। मलबा हटाने और राजमार्ग को यातायात के लिए फिर से खोलने के प्रयास जारी हैं।
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