दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रवक्ताओं की एक अहम बैठक को संबोधित किया। बैठक में देशभर से आए लगभग 140 प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट शामिल हुए।
बैठक में राहुल गांधी ने साफ निर्देश दिए कि टीवी डिबेट्स में कांग्रेस का पक्ष आक्रामक और तथ्यों के आधार पर रखें — डिफेंसिव बिल्कुल न हों। उन्होंने कहा:
“बीजेपी के पास न तथ्य हैं, न इतिहास की समझ। वो बस चिल्लाकर दबाव बनाते हैं। आपको तथ्य और तर्कों से जवाब देना है, बहस को उनके स्तर तक गिरने मत दीजिए।”
🔍 “तथ्य हैं हमारे पास, घबराओ मत”
राहुल गांधी ने प्रवक्ताओं से कहा कि टीवी बहसों में वे जिनका सामना कर रहे हैं, वे अक्सर “कम जानकारी वाले और स्तरहीन तर्क” देने वाले होते हैं। उन्होंने सुझाव दिया:
“अगर कोई सामने से ऊल-जुलूल बोले, तो उसे उसी भाषा में जवाब देने की जरूरत नहीं। बस साफ कहें कि आप बेबुनियादी बातें कर रहे हैं — और आगे बढ़ जाइए।”
उन्होंने प्रवक्ताओं की तारीफ करते हुए कहा कि वे मुश्किल परिस्थितियों में पार्टी का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं, और यही कांग्रेस के विचार की ताकत है।
🗳️ जातिगत जनगणना पर राहुल और खरगे का दो टूक संदेश
राहुल गांधी ने दोहराया कि कांग्रेस जातिगत जनगणना की मांग पर अडिग है, चाहे जितनी भी आलोचना क्यों न हो:
“बीजेपी ने हमारे दबाव में आकर घोषणा की है, लेकिन इसका श्रेय कांग्रेस को ही मिलेगा। पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।”
इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा:
“यह कोई नया मुद्दा नहीं है। मैं खुद अप्रैल 2023 में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जातिगत जनगणना की मांग कर चुका हूं। जब तक सही आंकड़े नहीं होंगे, सामाजिक न्याय की कोई बात बेमानी है।”
खरगे ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि संविधान के अनुच्छेद 15(5) को पूरी तरह लागू किया जाए, जिससे ओबीसी, दलित और आदिवासी छात्रों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिल सके।
📸 कार्यक्रम के अंत में राहुल ने सभी प्रवक्ताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से फोटो खिंचवाई, जिससे यह संदेश गया कि पार्टी हर मोर्चे पर संगठित और एकजुट है।
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