संसद के बजट सत्र में नीट मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार को घेर रहे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार किया। धर्मेंद्र प्रधान ने अखिलेश यादव के बयान को लेकर आड़े हाथों लेते हुए कहा, “यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हाल ही में कोर्ट ने आदेश दिया था कि छात्रों के परिणाम को फिर से वेबसाइट पर घोषित किया जाए। अब छात्रों का परिणाम पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। यह सब कुछ अब सार्वजनिक है। इससे पता चलता है कि केरल के विद्यार्थियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
क्या अब आप यह भी कहेंगे कि वहां कुछ गड़बड़ी हुई थी। यही नहीं, इस बार ग्रामीण, एससी और एसटी समुदाय के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है, क्या अब आप यही कहेंगे कि वहां गड़बड़ी हुई है? क्या हम अब इस पर सवाल उठाकर उनकी प्रतिभा पर सवाल उठाएंगे?” वहीं पेपर लीक पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “रही बात पेपर लीक की, तो इसकी जांच जारी है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ये अखिलेश यादव, जो बार-बार हम पर पेपर लीक को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वो शायद इस बात को भूल रहे हैं कि जब वो सत्ता में थे, तो उनके शासनकाल में ना जाने कितने ही पेपर लीक हुए थे। इससे कई छात्रों का भविष्य भी बर्बाद हुआ था।”
नीट पेपर लीक को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “देशभर के विद्यार्थी नीट एग्जाम में हुई धांधली को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। सीबीआई मामले की जांच कर रही है। आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि क्या सेंटर वाइज जिन बच्चों को सबसे ज्यादा नंबर मिले हैं, क्या उनकी सूची जारी करेंगे? क्या कुछ सेंटर ऐसे हैं, जहां दो से ढाई हजार बच्चे पास हो रहे हैं। सरकारी सीटें कुल 30 हजार हैं और कई सेंटर में दो हजार से ज्यादा बच्चे पास हो गए। अगर वो संस्था इतनी ही विश्वसनीय थी, तो जिन संस्था में यह परीक्षा हुई, उन सेंटर का इंफ्रास्ट्रक्चर क्या था, क्या मंत्री जी को इसके बारे में जानकारी नहीं है।
मैं एक बात कहना चाहता हूं कि अगर यह मंत्री पद पर रहेंगे, तो बच्चों को न्याय नहीं मिलेगा।” उधर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी संसद के बजट सत्र के दौरान नीट परीक्षा को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह साफ जाहिर हो चुका है कि हमारे देश में परीक्षा तंत्र में बड़ी विसंगतियां हैं। हमारा परीक्षा तंत्र सफलतापूर्वक परीक्षा संपन्न कराने में कई बार असफल साबित हो चुका है। अब केंद्रीय मंत्री ने सभी पर दोष मढ़ा सिवाय खुद के। मुझे नहीं लगता कि उन्हें शैक्षणिक संस्थाओं के मूलभूत सिद्धांतों के बारे में तनिक भी जानकारी है। अगर होती तो वो आज इस तरह का बयान ही ना देते।
करोड़ों विद्यार्थी हमारे देश की मौजूदा शिक्षा प्रणाली को लेकर चिंतित हैं। भारत की मौजूदा परीक्षा तंत्र से भारतीय छात्रों का भरोसा उठ चुका है। करोड़ों लोग यह विश्वास करते हैं कि अगर आप अमीर हैं, आपके पैसा है, तो आप भारत के परीक्षा तंत्र को खरीद सकते हैं और यह विश्वास सत्ता पक्ष के लोग भी करते हैं। मैं आज केंद्र सरकार से यह सवाल करना चाहता हूं कि आप भारत की मौजूदा परीक्षा तंत्र को दुरुस्त करने के लिए क्या कर रहे हैं।” राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “मुझे मेरे लोगों ने, मेरे प्रदेश के लोगों ने स्वीकृति देकर यहां भेजा है, इसलिए मैं आज आपके सामने बोल पा रहा हूं। मुझे किसी के भी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है।
देश की जनता ने चुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है और मैं उनकी अनुमति से यहां बोल रहा हूं। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। जिस तरह से यह कहा गया है कि देश का परीक्षा तंत्र पूरी तरह से विफल हो चुका है, मैं समझता हूं कि इससे बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण बयान नहीं हो सकता, जिसकी मैं पूरी सदन के समक्ष निंदा करता हूं।” बता दें कि आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है। जिसमें नीट, रेल हादसे, कांवड़ यात्रा सहित अन्य मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिल रही है।
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