गुजरात के कृषि मंत्री श्री राघवजी पटेल ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 के दौरान हुए फ़ूड प्रोसेसिंग ए सनराइज़ सेक्टर ऑफ़ अमृतकाल” के स्टेट नॉलेज सेशन में कहा , “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने गुजरात के लिए अनगिनत प्रयास किए जिनके फलस्वरूप पिछले 2 दशकों में गुजरात के कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। उनके प्रयासों को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाते गुजरात को इस सेक्टर में अग्रणी बना रहे हैं”।
माननीय मंत्री ने इस सत्र के दौरान कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में गुजरात के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “गुजरात राज्य, कृषि क्षेत्र की कई फ़सलों में न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि विश्व स्तर पर भी प्रमुख स्थान पर स्थित है। गुजरात की भौगौलिक विविधता ही यहां की विशेषता है जिसकी वजह से यहां चालीस से अधिक प्रकार के अनाज, तिलहन, दहलन, नक़दी फ़सलें, फल, सब्ज़ियाँ और मसाला फ़सलों की खेती की जाती है। बीस साल पहले बाग़वानी फ़सलों का क्षेत्रफल जो पहले 6 लाख हेक्टेयर था, वह बढ़ कर 20 लाख हेक्टेयर हो गया है। बाग़वानी फ़सलों के उत्पादन में भी 5 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज़ की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात बाग़वानी क्षेत्र में छठे तथा उत्पादन में 5वें स्थान पर है।
गुजरात राज्य, मूंगफली, अरंडी, चीकू, पपीता, भिंडी, अजवाइन, जीरा और सौंफ के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। तिल, अनार और धनिया के उत्पादन में वह दूसरे स्थान पर है, वहीं बैंगन, मैथी, केला तथा सीताफल के उत्पादन में गुजरात तीसरे स्थान पर है। गुजरात राज्य के केसर आम और भालिया गेहूं को जीआई टैगिंग मिला है, जिनकी विश्व में भारी मांग है”।
किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रयासों और पहलों के बारे में बताते हुए माननीय मंत्री श्री राघवजी पटेल ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदीजी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने राज्य में सर्वप्रथम “सॉइल हेल्थ कार्ड”और एक महीने तक चलने वाले“कृषि महोत्सव”जैसे क्रांतिकारी उपायों की शुरुआत की थी। उन्हीं के प्रयासों से गुजरात में सरदार सरोवर नर्मदा डैम का कार्य पूरा हुआ और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने से कृषि क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया है। हरित क्रांति के कारण आज देश और गुजरात में कृषि उत्पादन का सरप्लस उत्पादन हो रहा है और इस परिदृश्य में अधिक उत्पादन के वैल्यूएडिशन और फ़ूड प्रोसेसिंग आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उज्ज्वल अवसर है।
माननीय मंत्री ने इस सेक्टर में गुजरात में निवेश करने के लिए कारोबारियों को न्योता दिया। उन्होंने कारोबार करने के लिए गुजरात में मौजूद सुविधाओं का ज़िक्र किया। उन्होंने जानकारी दी कि फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के लिए राज्य में कई केन्द्र तथा राज्य पुरस्कृत योजनाएँ भी लागू की जा रही हैं, जो उद्योगपतियों और निर्यातकों के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती हैं। भारत सरकार ने फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में आयकर में भी छूट दे रखी है और 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की भी अनुमति दी है।
गुजरात सरकार ने राज्य में उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए“गुजरात निवेशक सुविधा पोर्टल” नामक सिंगल विण्डो पोर्टल लॉन्च किया है। इसके अलावा, राज्य में “औद्योगिक भूमि विकास बैंक”की स्थापना की गई है, जो यह पता लगाने के लिए की गई कि उद्योग की स्थापना के लिए ज़मीन कहाँ और किस कीमत पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों को और बढ़ावा देने के लिए राज्य में“इंडेक्स्ट-ए”की स्थापना की है, जो आने वाले समय में कृषि आधारित उद्योगों के विकास में काफ़ी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाला साबित होगा।
गुजरात सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि गुजरात में दुनिया के सबसे पहले “प्राकृतिक खेती विश्वविद्यालय” की स्थापना की जा रही है और गुजरात के डांग ज़िले को देश का पहला पूर्ण जैविक ज़िला घोषित किया गया है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों से पिछले 4 साल में आठ लाख से अधिक किसानों ने प्राकृतिक खेती के कृषि उत्पादों का उपभोग या विक्रय किया है।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को राज्य सरकार द्वारा 7 दिसम्बर 2023 को आणंद में फ़ूड प्रोसेसिंग विषय पर आधारित “प्री-वाइब्रेंट गुजरात समिट” और गांधीनगर में आगामी वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 2024 में आने और MoU करने का न्यौता दिया। नॉलेज सेशन की शुरुआत से पहले माननीय मंत्री ने वर्ल्ड फूड इंडिया के तहत चल रही प्रदर्शनी में गुजरात के फूड स्टॉल का भी उद्घाटन किया।
गौरतलब है कि नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 नवंबर से शुरु हुए वर्ल्ड फूड इंडिया का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा किया गया है। 3-5 नवंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में सम्मेलन सत्र, गोलमेज सम्मेलन, प्रदर्शनी, विभिन्न स्तरों की बैठकें, फूड स्ट्रीट एवं थीम बेस्ड कार्यक्रम होंगे। इसमें लगभग 81 देशों के 1 हजार से अधिक खरीदार और 950 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस आयोजन में नीदरलैंड साझेदार देश की भूमिका में है। वहीं जापान और वियतनाम फोकस देश हैं। भारत की 23 राज्य सरकारें और 18 केंद्रीय मंत्रालय और सभी विभाग भी इस सम्मेलन में भागीदार हैं। गुजरात राज्य भी इस कार्यक्रम का साझीदार राज्य है। इस आयोजन से भारत की उन्नत खाद्य परंपराओं को वैश्विक स्तर पर मंच प्रदान किया जाएगा।