मोदी के न्योते को पुतिन ने किया स्वीकार, भारत-रूस रिश्तों में नई मजबूती

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं। यह जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया गया है और इस यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं।

पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी शुरू
रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने “रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर” (Russia and India: Toward a New Bilateral Agenda) नामक एक सम्मेलन में वीडियो संबोधन के दौरान यह खुलासा किया। रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, पुतिन की भारत यात्रा को लेकर योजना बनाई जा रही है, हालांकि यात्रा की सटीक तारीखों का अभी खुलासा नहीं हुआ है।

मोदी की रूस यात्रा के बाद अब पुतिन की बारी
पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दौरा किया था, जो बीते 5 वर्षों में उनकी पहली रूस यात्रा थी। इससे पहले उन्होंने 2019 में व्लादिवोस्तोक में आयोजित एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था। अपनी पिछली यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का निमंत्रण दिया था, जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है।

भारत-रूस के बीच ‘विशेष रणनीतिक साझेदारी’
रूस के विदेश मंत्री लावरोव के अनुसार, रूस भारत, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” विकसित हो रही है, जो दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को दर्शाती है।

मोदी-पुतिन की मजबूत दोस्ती, हर 2 महीने में होती है बात
रूसी राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी नियमित रूप से संपर्क में रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर 2 महीने में दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत होती है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के दौरान भी वे आमने-सामने मुलाकात करते रहते हैं।

गणतंत्र दिवस पर पुतिन ने भारत को दी थी बधाई
इस साल 26 जनवरी को भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुतिन ने बधाई संदेश भेजा था। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि रूसी-भारतीय संबंध “विशेष और रणनीतिक साझेदारी” पर आधारित हैं।

क्या होगी इस यात्रा की अहमियत?
पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों को और गहरा करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे न केवल राजनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में भी नए समझौते हो सकते हैं। भारत और रूस के बीच पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी है और यह यात्रा इन संबंधों को और गति दे सकती है।

अब देखना होगा कि इस यात्रा के दौरान भारत और रूस किन नए समझौतों पर हस्ताक्षर करते हैं और यह दौरा दोनों देशों के संबंधों में किस तरह का बदलाव लाता है।

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