कद्दू विटामिन ए का एक बेहतरीन स्रोत है, जो त्वचा, हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके अलावा कद्दू में भरपूर फाइबर होता है, जो कई बीमारियों से बचाव करता है। यह मेटाबोलिक रेट बढ़ाकर पाचन को तेज करता है। कद्दू में मौजूद अल्फा-कैरोटीन, बीटा-कैरोटीन और बीटा-क्रिप्टोक्सैन्थिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हर स्थिति में कद्दू खाना सही नहीं होता? आइए जानते हैं कब और किसे कद्दू खाने से बचना चाहिए।
पेट में समस्या हो तो कद्दू न खाएं
अगर आपका पेट ठीक नहीं है या आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) इंफेक्शन है, तो कद्दू खाने से बचें। यह आपके लक्षणों को बढ़ा सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं और जटिल बना सकता है। फूड एलर्जी का खतरा भी रहता है।
फूड प्वाइजनिंग का खतरा
कद्दू खराब होने पर बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक रोगजनकों को फैलाने का स्रोत बन सकता है। इससे फूड प्वाइजनिंग हो सकती है, जिसके कारण उल्टी, मतली, दस्त जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं सावधान
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं बिना डॉक्टर की सलाह के कद्दू खाने से बचें। किसी भी नए खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
कुछ दवाओं के साथ कद्दू का सेवन नुकसानदेह
कद्दू के पोषक तत्व शरीर से पानी की मात्रा जल्दी बाहर निकाल सकते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। यह लिथियम जैसी दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए ऐसी दवाइयों का सेवन कर रहे लोग कद्दू खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए सावधानी
कद्दू के बीज में मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। यदि आप हाई बीपी की दवाइयां ले रहे हैं, तो कद्दू खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
इन सभी हालातों में कद्दू खाने से बचना चाहिए ताकि आपकी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
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