जहां एक ओर शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर पर जाने वाले 7 सदस्यीय डेलिगेशन को नाटक करार दिया है, वहीं शिवसेना यूबीटी की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे एक जरूरी मिशन बताया है। प्रियंका ने कहा कि यह कदम सशस्त्र बलों द्वारा उठाया जा रहा है और यह उन सभी लोगों के लिए किया जा रहा है, जो आतंकी हमलों का शिकार हुए हैं।
प्रियंका ने कहा, “हम दुनिया को यह बताएंगे कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में पाया गया था और भारत ने बिना किसी नागरिक को नुकसान पहुँचाए आतंकवादी शिविरों पर हमला किया। पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया जाएगा, और हम इस पर देश का एकजुट पक्ष दिखाएंगे।” प्रियंका खुद इस डेलिगेशन का हिस्सा हैं, जो दुनिया के विभिन्न देशों में जाएगा।
प्रियंका ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पीआर का जोरदार इस्तेमाल कोई आश्चर्य की बात नहीं है। सच्चाई सामने आएगी और आतंकवाद के हिमायती और समर्थक बेनकाब होंगे।”
प्रियंका ने आगे कहा, “यह हमारी जवाबी लड़ाई है। ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा बनकर और माननीय रविशंकर के नेतृत्व में पश्चिमी यूरोप जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर वाकई मुझे सम्मानित महसूस हो रहा है। पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने के लिए यह हमारा संयुक्त प्रयास है।”
संजय राउत का बयान:
संजय राउत ने इसे राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा, “भारतीय जनता पार्टी इस मामले में राजनीति कर रही है, जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि टीएमसी के 35 और समाजवादी पार्टी के 40 सदस्य और लालू प्रसाद के लगभग पांच सदस्य हैं। अगर आप ऑल पार्टी डेलिगेशन की बात कर रहे हैं तो सबको लेना चाहिए।” राउत ने यह भी कहा कि उन्होंने यह सुझाव दिया था कि ऑल पार्टी डेलिगेशन को कश्मीर ले जाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
राउत ने तंज कसते हुए कहा, “आप क्या करेंगे वहां जाकर? क्या आप इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहते हैं? इजराइल और गाजा का युद्ध चल रहा है, और पीएम पुतिन ने हमारे यहां डेलिगेशन नहीं भेजा है। ये लोग क्या कर रहे हैं, क्या यह सिर्फ एक नौटंकी है?”
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