प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह दो देशों पोलैंड और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा पर रूस गए थे।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तनमय लाल ने विदेश मंत्रालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बताया कि पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा है। यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा भी है, क्योंकि हमारे राजनयिक संबंध स्थापित होने के 30 से अधिक वर्षों में यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय प्रधान मंत्री यूक्रेन का दौरा करेगा। यह यात्रा नेताओं के बीच हाल की उच्च स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी।
यूक्रेन संघर्ष पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में सचिव (पश्चिम) ने कहा कि भारत की इस पर बहुत स्पष्ट और सुसंगत स्थिति है कि कूटनीति और बातचीत ही संघर्ष को हल कर सकती है और इसी से स्थायी शांति हो सकती है। भारत का मानना है कि स्थायी शांति केवल दोनों पक्षों को स्वीकार्य विकल्पों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है और इसके लिए बातचीत नितांत आवश्यक है। इसके लिए भारत सभी हितधारकों के साथ जुड़ाव जारी रखे हुए है।
यात्रा के परिणाम पर उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन के नेताओं के बीच चर्चाओं का परिणाम क्या होगा, इसका अनुमान लगाना या पूर्वाग्रह करना हमारा विषय नहीं है। प्रधान मंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं के साथ बातचीत की है और प्रधान मंत्री ने हाल ही में रूस का दौरा भी किया है। भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए आवश्यक हर संभव सहायता और योगदान देने को तैयार है।
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