गैस्ट्रिक कैंसर से बचाव: जानिए इसके कारण और कैसे रखें खुद को सुरक्षित

कैंसर एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। भारत में भी कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन कई बार इलाज के बावजूद इस बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पाता। कैंसर के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें एक प्रमुख प्रकार पेट का कैंसर या गैस्ट्रिक कैंसर है। यह पेट के अंदर की परत में सूजन उत्पन्न करता है और आंतों से संबंधित होता है। आइए जानते हैं इस गंभीर बीमारी के मुख्य कारणों के बारे में।

गैस्ट्रिक कैंसर क्या है?
डॉक्टरों के मुताबिक, गैस्ट्रिक कैंसर एक ऐसा प्रकार का कैंसर है, जो युवाओं के बीच ज्यादा सक्रिय हो रहा है। इसका प्रमुख कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। कम उम्र में शराब और तंबाकू का सेवन इस बीमारी को जन्म देता है और लोगों के जीवन को खतरे में डालता है।

गैस्ट्रिक कैंसर के प्रमुख कारण
धूम्रपान और तंबाकू सेवन – जो लोग अत्यधिक तंबाकू और धूम्रपान करते हैं, उनका पेट के अंदरूनी हिस्सों पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

अनहेल्दी खानपान – अत्यधिक नमक, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड्स का सेवन पेट की सेहत को प्रभावित करता है और गैस्ट्रिक कैंसर का कारण बन सकता है।

पारिवारिक इतिहास – यदि किसी व्यक्ति के परिवार में पहले भी गैस्ट्रिक कैंसर का मामला रहा हो, तो भविष्य में उसे भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है।

गैस और अपच होना – डॉक्टरों के अनुसार, अगर आपको बार-बार गैस और अपच की समस्या होती है, तो यह कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

मेडिकल उपकरणों का साइड-इफेक्ट – हालिया रिसर्च में यह पाया गया है कि स्क्रीनिंग वाली मशीनों से निकलने वाली हानिकारक किरणें भी कैंसर का कारण बन सकती हैं।

गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण
पेट में दर्द।

पेट में सूजन का महसूस होना।

भूख में कमी आना।

कम मात्रा में खाना खाना।

शरीर में खून की कमी होना।

मल में खून आना या मल का काला रंग होना।

गैस्ट्रिक कैंसर से बचाव के उपाय
हेल्दी डाइट – ताजे फल, सब्जियां और फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें।

धूम्रपान और शराब से बचाव – इनका सेवन करने से बचें।

वजन नियंत्रित रखें – नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रित रखें।

रेगुलर हेल्थ चेकअप – खासकर अगर परिवार में गैस्ट्रिक कैंसर का इतिहास हो तो नियमित चेकअप कराएं।

नए लक्षणों की अनदेखी न करें – शरीर में किसी भी नए लक्षण को नजरअंदाज न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं।

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