बांग्लादेश की राजनीतिक गहमागहमी फिर से बढ़ गई है। जहां एक तरफ़ अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस चुनाव टालने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के मजबूत चेहरे और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान ने साफ कह दिया है कि दिसंबर तक चुनाव कराना जरूरी है।
तारिक रहमान कौन हैं और क्यों हैं ख़तरे की घंटी?
तारिक रहमान, BNP के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति ज़ियाउर रहमान के बेटे, पार्टी के वर्तमान कार्यवाहक प्रमुख हैं। वे भले ही लंदन में निर्वासन में हैं, लेकिन बांग्लादेश में उनकी राजनीतिक पकड़ बेहद मजबूत है। उनकी सक्रियता और जनता को सड़कों पर उतारने की क्षमता ने उन्हें मोहम्मद यूनुस के लिए सबसे बड़ा राजनीतिक खतरा बना दिया है।
यूनुस की रणनीति: चुनाव टालने की कोशिश
पिछले साल सैन्य समर्थन और सिविल आंदोलन के सहारे सत्ता में आई यूनुस सरकार ने चुनाव को टालने का मन बनाया है। उनका कहना है कि पहले संस्थागत सुधार जरूरी हैं, चुनाव बाद में होंगे। लेकिन तारिक रहमान और BNP इसे लोकतंत्र विरोधी रवैया मानते हैं। तारिक ने स्पष्ट किया, “हम लोकतंत्र चाहते हैं, फासीवाद नहीं।” उन्होंने सरकार पर दबाव डाला है कि दिसंबर तक चुनाव की तारीख घोषित की जाए।
बीएनपी ने बढ़ाया राजनीतिक दबाव
ढाका में बीएनपी की रैली में तारिक रहमान ने अपने समर्थकों को चुनाव की तैयारियों में जुट जाने को कहा। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलाहुद्दीन अहमद ने भी सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि चुनाव न होने पर देशभर में आंदोलन तेज होगा।
कानूनी छूट से बढ़ा तारिक का आत्मविश्वास
पहले तारिक रहमान पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन अब उन्हें कानूनी राहत मिल चुकी है। इससे उनका राजनीतिक आत्मविश्वास बढ़ा है और समर्थकों में भी नई उम्मीद जगी है।
क्या यूनुस की पकड़ कमजोर हो रही है?
हाल में यूनुस ने इस्तीफे की धमकी देकर सबको हैरान किया था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बीएनपी के बढ़ते दबाव और तारिक की सक्रियता का नतीजा है। जनता में भी उनके प्रति भरोसा कमजोर होता दिख रहा है, खासकर जब वे लगातार चुनाव टालने की कोशिश कर रहे हैं।
आखिर कौन जीतेगा इस जंग को?
बांग्लादेश की राजनीति अब दो ध्रुवों में बंटी है: एक तरफ तारिक रहमान, जो लोकतंत्र और चुनाव की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ मोहम्मद यूनुस, जो बदलाव और संस्थागत सुधारों का हवाला देते हुए चुनाव टालना चाहते हैं। बढ़ता जनसमर्थन तारिक के पक्ष में दिख रहा है, जिससे यूनुस पर चुनाव कराने का दबाव बढ़ता जा रहा है। साफ है कि इस वक्त यूनुस को सबसे बड़ा खतरा तारिक रहमान से ही है।
यह भी पढ़ें:
बिना सलाह के न लें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट, वरना बढ़ सकती हैं ये गंभीर दिक्कतें