अमेरिका में DeepSeek AI पर बैन की तैयारी! नियम तोड़े तो 20 साल की जेल

अमेरिका में चाइनीज AI चैटबॉट DeepSeek AI को बैन करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अमेरिकी सीनेटर इस चैटबॉट को बैन करने के लिए एक नया बिल पेश करने की योजना बना रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि अगर बैन के बावजूद कोई DeepSeek AI का इस्तेमाल करता पाया जाता है, तो उसे भारी जुर्माने के साथ-साथ जेल भी भेजा जा सकता है।

🚨 DeepSeek AI के इस्तेमाल पर भारी जुर्माना और सख्त सजा
The Independent की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित बिल के लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति DeepSeek AI का इस्तेमाल करता है, तो उसे 1 मिलियन डॉलर (लगभग 6.5 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यही नहीं, गंभीर उल्लंघन की स्थिति में 20 साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है।
अगर कोई कंपनी अपने बिजनेस के लिए DeepSeek का उपयोग करती है, तो उस पर 100 मिलियन डॉलर (लगभग 8 अरब रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

❓ DeepSeek AI पर प्रतिबंध क्यों लगाया जा रहा है?
इस बिल को रिपब्लिकन सीनेटर जोश हॉले (Josh Hawley) ने प्रस्तावित किया है। अमेरिकी सरकार का मानना है कि DeepSeek AI अमेरिकी नागरिकों के डेटा को चीन सरकार तक पहुंचा सकता है, जिससे देश की सुरक्षा और प्राइवेसी को खतरा है। सीनेटर हॉले ने इस AI चैटबॉट की सेफ्टी और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है।

🌍 पहले भी कई देशों में लग चुका है प्रतिबंध
अगर अमेरिका इस पर बैन लगाता है, तो यह पहला देश नहीं होगा जो DeepSeek AI पर सख्त कदम उठाएगा। इससे पहले इटली, टेक्सास (अमेरिकी राज्य), ताइवान और ऑस्ट्रेलिया में भी इस पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।
भारत की बात करें तो, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि DeepSeek AI को जल्द ही भारत के सर्वरों पर होस्ट किया जाएगा ताकि डेटा प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा सके।

🚀 DeepSeek AI क्यों हुआ इतना पॉपुलर?
हाल ही में DeepSeek AI ने खूब सुर्खियां बटोरीं। जनवरी 2025 के आखिर में कंपनी ने अपना नया R1 मॉडल लॉन्च किया, जिसने एआई की दुनिया में हलचल मचा दी। अमेरिका द्वारा चीन को AI चिप्स के निर्यात पर रोक लगाने के बाद, DeepSeek ने इसका जवाब देते हुए कम लागत में ChatGPT से भी बेहतर AI मॉडल पेश कर दिया। यही वजह है कि यह तेजी से लोकप्रिय हो गया, लेकिन अब इसकी प्राइवेसी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

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