उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीति की व्याख्या करते हुये कहा कि राजनीति को सत्ता प्राप्ति का साधन नहीं बल्कि मूल्यों और आदर्शो की स्थापना का माध्यम समझा जाना चाहिये।
सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में रविवार को मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक व सदस्यता कार्यशाला में युवाओं को राजनीति का ककहारा सिखाते हुए सिद्धांतों के अनुरूप मूल्यों व आदर्शों की स्थापना के लिए राजनीति को चुनने का आह्वान किया। उन्होंने साफ कहा कि राजनीति सत्ता प्राप्ति या स्वार्थ सिद्धि नहीं बल्कि प्रदेश हित व राष्ट्रहित के मूल्यों के संवर्धन का माध्यम बनना चाहिए।
उन्होने युवाओं को सार्थक राजनीति का मंत्र देते हुए अटल जी की सीख की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा, “हमेशा एक बात याद रखें, सिद्धांत विहीन राजनीति मौत का फंदा होती है। हमें प्रलोभन में फंसना नहीं है और चाहे कुछ भी हो जाए अपने मूल्यों से समझौता नहीं करना है।”
योगी ने कहा, “जब हमने युवाओं को रोजगार देने का कार्य किया तो आज परिणाम सबके सामने है। आज प्रदेश में युवाओं को उनके जनपद और गांवों में ही नौकरी मिल रही है, देश दुनिया का हर बड़ा निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहता है और प्रदेश आज देश में दूसरे नंबर की इकॉनमी बन चुका है। यह सब युवा शक्ति पर फोकस करने के कारण हुआ है। हम अगले 3-4 साल में प्रदेश को देश की पहली नंबर की इकॉनमी बनाने जा रहे हैं।”
उन्होने कहा कि अगले दो साल में यूपी पुलिस में एक लाख नौजवानों की भर्ती होगी। यही नहीं आने वाले दो वर्षों में दो लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी से जोड़ा जाएगा। आज प्रदेश में युवाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। युवाओं को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी से जोड़ा जा रहा है। विगत साढ़े सात वर्ष में हमने साढ़े छह लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी है।
योगी ने कहा कि आज सब बाबा विश्वनाथ की इस पावन धरा पर एकत्र होकर कार्यशाला में सहभागी बन रहे हैं। आपका उत्साह नई ऊर्जा का वाहक बनता है। ये उम्र ही ऐसी है जहां ऊर्जा भी है और प्रतिभा भी है। सार्वजनिक जीवन में राजनीति को हम लोग सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं बल्कि मूल्यों व आदर्शों की स्थापना के लिए कार्य कर रहे हैं। अपने उद्देश्य से विचलित हुए बिना हम सब कार्य करते हैं और हम श्रेय लेने के लिए कार्य नहीं करते। हम अच्छे से जानते हैं हम तो निमित्त मात्र हैं।
उन्होने कहा कि 60 साल पहले के उत्तर प्रदेश और आज के उत्तर प्रदेश में आप फर्क महसूस करते होंगे। हमारे युवाओं के सामने पहचान का संकट था, अराजकता थी। बेटी-व्यापारी का सम्मान नहीं था, भेदभाव अपने चरम पर था। प्रदेश से पलायन हो रहा था, किसान आत्महत्या कर रहा था। उन स्थितियों से उबरने में प्रधानमंत्री मोदी को जब जनादेश मिला तो उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। इन साढ़े सात वर्षों में आपने बदलते हुए उत्तर प्रदेश को देखा है। जहां बेटी और व्यापारी दोनों सुरक्षित हैं और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हम व्यापारियों को बीमा कवर दे रहे हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुये उन्होने कहा, “ये बेहद विचित्र स्थिति है। कल तक जिन महापुरुषों के मूल्यों का उपहास उड़ाया जाता था आज वोट के लिए उनकी आरती उतारते दिखाई दे रहे हैं। याद रखिएगा ये वही लोग हैं जो देश के खिलाफ जहर उगलने वाले लोगों को भी प्रश्रय देने से नहीं चूकते। समाजवादी पार्टी के चेहरों को कौन नहीं जानता। यही कांग्रेस है जिसने देश में सर्वाधिक राज किया और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की खिलाफत भी की।
भारत रत्न पर तो मानो इनका एकाधिकार हो गया था। मगर, इनकी असलियत लोग पहचानते हैं। युवा मोर्चा का रोल ऐसे में बढ़ जाता है और समाज के हित को सुरक्षित करते हुए प्रदेश हित व राष्ट्र हित का मार्ग प्रशस्त करने में उसे भूमिका निभानी होगी। उत्तर प्रदेश में भारत का सर्वाधिक युवा निवास करता है। यूपी में अनलिमिटेड पोटेंशियल है और हमें इन पोटेंशियल को आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा।”
इस अवसर पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष प्रियांशु दत्त द्विवेदी, युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री व दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्ता, प्रदेश महामंत्री आमोद गोयल, देवेंद्र पटेल, हर्षवर्धन सिंह, क्षेत्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र मौर्या, अनुभव द्विवेदी, राजेश राजभर, रंजीत राय व अन्य उपस्थित रहे।
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