गंगा-गोदावरी पर राजनीति गरमाई, राज ठाकरे के बयान पर बवाल

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने देश की नदियों की सफाई पर सवाल उठाए और कहा कि गंगा से लेकर गोदावरी तक कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है। उनके इस बयान पर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कड़ा जवाब दिया और इसे लाखों लोगों की आस्था का मुद्दा बताया।

बीजेपी नेता का जवाब – “नदियों पर सवाल उठाना आस्था का अपमान”
गिरीश महाजन ने कहा कि राज ठाकरे को अपनी राय रखने का अधिकार जरूर है, लेकिन वह आस्थावानों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार गंगा या गोदावरी में डुबकी लगा सकता है।

📌 “गोदावरी का पानी इस समय प्रदूषित है, क्योंकि फैक्ट्रियों का गंदा पानी इसमें छोड़ा जाता है। लेकिन इसे साफ करने के लिए सरकार 1200 MLD का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा रही है।”
📌 “महाकुंभ का आयोजन शास्त्रों के आधार पर होता है और इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। यह सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि परंपरा से जुड़ा विषय है।”
📌 “नासिक में 2027 में कुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा और यह आस्था का बड़ा केंद्र होगा।”

राज ठाकरे बोले – “देश की कोई नदी साफ नहीं”
मनसे के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज ठाकरे ने गंगा और गोदावरी की स्वच्छता को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई को लेकर कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।

📌 “मेरे नेता बाला नंदगांवकर महाकुंभ से पवित्र जल लेकर आए थे, लेकिन वह उसे पी नहीं सके।”
📌 “गंगा की सफाई पर सालों से बात हो रही है, लेकिन क्या यह सच में साफ हो गई?”
📌 “मैंने वीडियो देखे हैं, जहां लोग गंगा में नहा रहे हैं और साथ ही शरीर खुजला रहे हैं!”
📌 “अगर लाखों लोग गोदावरी में डुबकी लगाते हैं, तो क्या कोई उसका पानी पीना चाहेगा?”

गंगा और गोदावरी पर राजनीति गरमाई!
राज ठाकरे के बयान से गंगा और गोदावरी की सफाई को लेकर बहस छिड़ गई है। एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि नदियों की सफाई के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे इसे दिखावा करार दे रहे हैं।

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