कांग्रेस ने लोकसभा में आज कहा कि दक्षिण एशिया के देशों में राजनीतिक अस्थिरता का असर भारत पर भी पड़ता है और सरकार बताए कि उसने इस क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने शून्यकाल के दौरान बंगलादेश की स्थिति के बारे में कहा कि पड़ोसी देश में आज स्थिति चिंताजनक और संवेदनशील है। भारत का बंगलादेश से विशेष रिश्ता है और उसने बंगलादेश के निर्माण में विशेष भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा इस साल जनवरी में अवामी लीग की सरकार बंगलादेश में चौथी बार बनी थी लेकिन छह महीने बाद ही देश में ऐसे हालात बने कि आंदोलन हुआ और शेख हसीना की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सिर्फ बंगलादेश ही नहीं, बल्कि पिछले चार पाँच साल में दक्षिण एशिया में म्यांमार, मालदीव और श्रीलंका आदि देशों में भी राजनीतिक अस्थिरता देखी गई है।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सेना का वर्चस्व देखा गया है और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन हस्तक्षेप करता रहा है।भारत दक्षिण एशिया का सबसे प्रमुख देश है और इस क्षेत्र में अस्थिरता का भारत पर सबसे ज्यादा असर होता है।
तिवारी ने कहा कि आज जब सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर बंगलादेश के हालात पर बयान देंगे तो वह यह भी बताएं कि सरकार ने पिछले कुछ वर्ष में दक्षिण एशिया में राजनीतिक स्थिरता को बहाल रखने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
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