दिल्ली चुनाव से पहले सियासी भूचाल: आतिशी ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

राजधानी दिल्ली में कंपकपाती ठंड के बीच सियासी पारा काफी गर्म है। यहां फरवरी में विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) होने हैं। इन सबके बीच, मुख्यमंत्री आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में मंदिरों और बौद्ध धर्म के मंदिरों को तोड़ने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया।

मंदिरों में तोड़फोड़ का मुद्दा लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा
उन्होंने कहा कि पिछले साल ही दिल्ली के एलजी ने यह फरमान जारी किया था, कि मंदिरों में तोड़फोड़ का मुद्दा लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा हुआ है। इसलिए, यह दिल्ली सरकार के अधीन नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आता है। राजेश कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी करते हैं और प्रिंसिपल सेक्रेटरी की नियुक्ति केंद्र सरकार करती है। अब जो भी फैसला लिया जाता है, वह सीधे एलजी को भेजा जाता है।

किन मंदिरों को तोड़ने की है तैयारी?
आतिशी ने आरोप लगाया कि कल जब हमने चिट्ठी लिखी तब एलजी साहब के ऑफिस से कहा गया कि ऐसा कोई निर्णय मंदिर तोड़ने का नहीं लिया गया। जबकि, 22 नवंबर को रिलीजियस कमेटी की बैठक हुई है और उसमें कई मंदिर तोड़ने का फैसला लिया गया है। वेस्ट पटेल नगर, गोकलपुरी, सीमापुरी, गोकुलपुरी, न्यू उस्मान पुर, एक हनुमान जी की मूर्ति जो अंबेडकर पार्क सुल्तानपुरी में है और बौद्ध धर्म का धार्मिक स्थान जो सुंदरनगरी में है, इसे तोड़ने का फैसला लिया गया है।

आतिशी ने बताया शनि मंदिर तोड़ने का किस्सा
उन्होंने आरोप लगाया कि रिलिजियस कमेटी की इस मीटिंग में लिए गए फैसले के बाद इसकी फाइल केंद्र सरकार के नुमाइंदे एलजी साहब को दे दी गई है। जिसको एलजी साहब ने अप्रूवल दे दिया है। चाहे डीडीए हो, एमसीडी हो, उस इलाके के डीएम, एसडीएम हो और पुलिस के लोग भी इसकी जानकारी दे दी गई है और सभी इसे तोड़ने की तैयारी में लग गए हैं। पिछले साल भी इसी तरह पटपड़गंज इलाके के विनोद नगर में एक शनि मंदिर के एक हिस्से को केंद्र सरकार के आदेश के बाद तोड़ दिया गया था। जनता काफी ज्यादा रोष में थी और सड़क पर भी आ गई थी, लेकिन फिर भी उस शनि मंदिर को तोड़ा गया था।

मंदिर नहीं तोड़े लोगों को ठेस पहुंचेगी: आतिशी
उन्होंने कहा कि एक तरफ आम आदमी पार्टी है जो हर मंदिर के पुजारी को, हर गुरुद्वारे के ग्रंथी को 18,000 रुपए सम्मान राशि देने की घोषणा कर रही है और वहीं दूसरी तरफ भा.ज.पा. है जो मंदिरों को, हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ने की तैयारी कर रही है। किसी भी मंदिर को, किसी भी धार्मिक स्थल को, किसी भी बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थल को और हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ा ना जाए, क्योंकि लोगों की आस्था इनसे जुड़ी हुई है, जिनको काफी ज्यादा ठेस पहुंचेगी।