बंबई उच्च न्यायालय ने घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में गिरफ्तार विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे की याचिका पर शुक्रवार को पुलिस को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
भिंडे ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने और याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक अंतरिम जमानत देने का अनुरोध करते हुए दावा किया है कि होर्डिंग गिरना “दैवीय घटना” थी।
भिंडे के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा की खंडपीठ ने कहा कि याचिका में अवैध गिरफ्तारी का भी आरोप लगाया गया है, क्योंकि आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत अनिवार्य नोटिस नहीं दिया गया।
पीठ ने कहा कि पुलिस को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा, क्योंकि कई निर्णयों में कहा गया है कि अवैध तरीके से हिरासत में लिए जाने पर तत्काल रिहाई जरूरी है।
सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि एक विस्तृत हलफनामा दायर किया जाएगा।
इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
भिंडे ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, जिसने शहर के घाटकोपर क्षेत्र में विशालकाय होर्डिंग लगाया था, जो 13 मई को गिर गया था। इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 70 से अधिक लोग घायल हुए थे।
भिंडे ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि यह दैवीय घटना थी और इसलिए उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
भिंडे फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उसने अपनी याचिका पर सुनवाई होने तक जमानत पर रिहा किए जाने का अनुरोध किया है।
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