प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें विकसित भारत से जुड़े दृष्टिकोण पत्र पर चर्चा होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के चेयरमैन हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक 27 जुलाई को होगी।’’
भारत को अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष यानी 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए एक ‘दृष्टिकोण दस्तावेज’ तैयार किया जा रहा है।
नीति आयोग को 2023 में 10 क्षेत्रीय विषयगत दृष्टिकोणों को समेकित कर ‘विकसित भारत एट 2047’ के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण तैयार करने का कार्य सौंपा गया था।
इस बीच, कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों कर्नाटक के सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे केंद्रीय बजट में अपने राज्यों के प्रति कथित पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक नेता एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी नीत पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली आने वाली थीं लेकिन उन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी। यह स्पष्ट नहीं है कि वह शनिवार को बैठक में हिस्सा लेंगी या नहीं।
बीजू जनता दल (बीजद) सांसद सस्मित पात्रा ने विपक्षी दलों द्वारा लिए गए निर्णय का समर्थन किया है और केंद्र पर राज्यों को बजट में उनका हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला करेगी। जेएमएम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है।
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