प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के सऊदी अरब दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं। रियाद पहुंचते ही उनका स्वागत वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोग करेंगे। इसके बाद उनका अगला कदम होगा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात और रणनीतिक बातचीत।
यह पीएम मोदी का सऊदी अरब का तीसरा दौरा है और भारत की पश्चिम एशिया नीति में यह एक और मज़बूत कदम माना जा रहा है। यह यात्रा क्राउन प्रिंस के विशेष निमंत्रण पर हो रही है और इसका मकसद है दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना।
🤝 भारत-सऊदी रिश्तों की मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को भारत के “सबसे अहम रणनीतिक साझेदारों में से एक” बताया है। दोनों देशों ने मिलकर कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है जैसे:
ऊर्जा
व्यापार
रक्षा और सुरक्षा
शिक्षा
टेक्नोलॉजी
पर्यटन, संस्कृति और अंतरिक्ष
सेमीकंडक्टर और हेल्थकेयर
🚄 आर्थिक गलियारा जो दुनिया को जोड़ेगा
G20 सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय संघ ने मिलकर भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की घोषणा की थी। यह गलियारा:
एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला होगा
व्यापार, ऊर्जा और डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांति लाएगा
पीएम मोदी इस दौरे में इस प्रोजेक्ट पर प्रगति की समीक्षा करेंगे
💸 निवेश और एनर्जी सेक्टर में बड़ा सहयोग
भारत और सऊदी अरब ने मिलकर एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया है ताकि:
100 अरब डॉलर की निवेश योजना पर काम शुरू हो सके
यह योजना सऊदी की ARAMCO, UAE की ADNOC और भारत की कंपनियों का त्रिपक्षीय सहयोग है
परियोजना है: भारत के पश्चिमी तट पर एक बड़ी रिफाइनरी
🔥 मध्य-पूर्व में तनाव और भारत की भूमिका
इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और क्राउन प्रिंस मिलकर:
इजराइल-ईरान टकराव और क्षेत्रीय अशांति पर चर्चा करेंगे
आतंकवाद और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर रणनीतिक राय साझा करेंगे
दोनों देशों के पास इजराइल, ईरान और अमेरिका के साथ बेहतर रिश्ते हैं, जिससे भारत-सऊदी की मध्यस्थता की उम्मीद बनती है
🏅 अरब देशों ने मोदी को दिए सर्वोच्च सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को पश्चिम एशिया के कई मुस्लिम देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है:
सऊदी अरब: किंग अब्दुलअज़ीज़ साश
UAE: ऑर्डर ऑफ ज़ायेद
अफगानिस्तान: अमीर अमानुल्लाह खान अवॉर्ड
बहरीन: किंग हमाद ऑर्डर ऑफ़ द रेनैसां
फिलिस्तीन: ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द स्टेट ऑफ़ फिलिस्तीन
ये सम्मान भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय साख और पीएम मोदी की कूटनीतिक सफलता के प्रतीक हैं।
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