प्रधानमंत्री मोदी जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार से शुरू हो रहे जिला न्यायपालिका के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस समारोह का आयोजन उच्चतम न्यायालय कर रहा है।

उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री उच्चतम न्यायालय की स्थापना के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे। उद्घाटन समारोह में कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।’’

बयान के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सितंबर को समापन भाषण देंगी और उच्चतम न्यायालय के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण भी करेंगी।

बयान में कहा गया है, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश के मार्गदर्शन में ‘जिला न्यायपालिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ में दो दिनों तक आयोजित किए जाने वाले छह सत्र शामिल होंगे। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला न्यायपालिका के 800 से अधिक प्रतिभागी इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में भाग लेंगे। ‘बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन’ पर होने वाले सत्र का उद्देश्य जिला न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे और मानव पूंजी को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना है।’’

इसमें कहा गया कि ‘सभी के लिए अदालत’ सत्र में जिला न्यायपालिका के भीतर पहुंच और समावेशिता की आवश्यकता और हाशिए के समुदायों के लिए न्याय तक सुरक्षित और न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रस्तुतियां और चर्चाएं शामिल होंगी।

इसमें कहा गया है, ‘‘न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण पर भी न्यायाधीशों की सुरक्षा चिंताओं और कई कल्याणकारी पहलों को दूर करने के लिए चर्चा की जाएगी।’’

आयोजन के दूसरे दिन ‘केस मैनेजमेंट’ पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें मामलों से कुशलतापूर्वक निपटने और लंबित मामलों में कमी के लिए रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।

न्यायाधीशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए ‘न्यायिक प्रशिक्षण-पाठ्यक्रम और तरीके’ पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में ‘ब्रिजिंग द गैप’ विषय पर एक सत्र निर्धारित किया गया है ताकि इस चर्चा को प्रोत्साहित किया जा सके कि उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय समग्र रूप से जिला न्यायपालिका की जरूरतों का समर्थन कैसे कर सकते हैं।

इसमें कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश, शीर्ष अदालत के महासचिव के साथ ही उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल सम्मेलन में भाग लेंगे।

यह सम्मेलन न्यायपालिका के भीतर सभी हितधारकों के लिए एक साथ आने और जिला न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक सार्थक बातचीत में संलग्न होने का एक अमूल्य अवसर प्रस्तुत करता है।

इसमें कहा गया कि उद्देश्य और जिम्मेदारी की साझा भावना के साथ एकजुट होकर काम करने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि न्याय का वितरण समय पर हो, निष्पक्ष हो और सभी नागरिकों के लिए सुलभ हो।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘यह सम्मेलन देश में न्यायिक प्रशासन के भविष्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’

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